राजस्थान की राजधानी जयपुर में स्थित जयपुर विकास प्राधिकरण पर शहर के विकास का जिम्मा है लेकिन यहाँ पदस्थ अधिकारी और कर्मचारी केवल अपने विकास पर ध्यान देते हैं। लोगों की मानें तो जयपुर विकास प्राधिकरण काम बिना पैसे के नहीं होता। अधिकारी से लेकर कर्मचारी अलग अलग रिश्वत मांगते हैं।
एंटी करप्शन ब्यूरो को शिकायत की गई थी कि JDA में जोन 4 की डिप्टी कमिश्नर और उनका स्टाफ पुश्तैनी जमीन के एक पट्टे को कराने के बदले रिश्वत मांग रहे है। सभी का अलग अलग हिस्सा है इस तरह कुल 15 लाख की रिश्वत मांगी जा रही है। हमने शिकायतकर्ता की शिकायत का वैरिफिकेशन किया उसमें सामने आया कि डिप्टी कमसीहनयर से लेकर उनका पूरा स्टाफ रिश्वत मांग रहा है।
शिकायत का वैरिफिकेशन होने के बाद एंटी करप्शन ब्यूरो ने आज मंगलवार को JDA के जोन 4 में छापा मारा। उन्हें जूनियर इंजीनियर श्याम मालू को एक लाख लेते मिला। डिप्टी कमिश्नर ममता यादव को दो लाख रूपए लेने थे लेकिन उन्हें कुछ डाउट हो गया तो उन्होंने रुपये कल लेने के लिए कह दिया। तीन अन्य भी रिश्वत लेते पकड़े गये।
मौके से एक लाख 10 हजार रुपये रिश्वत की राशि मिली है, कुछ राशि पहले ली जा चुकी है और कुछ लेनी थी। एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारी ने बताया कि कुल 15 लाख की डील थी। अलग अलग लोगों ने रिश्वत ली। हमने डिप्टी कमिश्नर ममता यादव, जूनियर इंजिनियर श्याम मालू, AAO विजय मीणा, एकाउंटेंट राम तूफान मण्डोतिया और कम्प्यूटर ऑपरेटर अखिलेश मौर्य को गिरफ्तार किया है।
ख़ास बात ये है कि जी समय एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने ममता यादव के ऑफिस में छापा मारा और उन्हें गिरफ्तार किया तो वे हंस रही थी। कहा जा रहा है कि उन्होंने एंटी करप्शन ब्यूरो के अधिकारियों से कहा कि यदि कोई मंदिर में प्रसाद चढ़ाने आये तो उसे कैसे इंकार करें।
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