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भोपाल : चयनित महिला शिक्षकों का साष्टांग दंडवत प्रदर्शन, BJP ऑफिस के सामने

 

 

भोपाल। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के दिन मध्यप्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने महिला आशा उषा कार्यकर्ताओं को तो भोपाल में घुसने से रोक दिया परंतु चयनित महिला शिक्षक भाजपा के प्रदेश कार्यालय पहुंच गईं और उन्होंने साष्टांग दंडवत प्रदर्शन किया। इस विरोध प्रदर्शन ने भाजपा सरकार की उस इमेज पर दाग लगा दिया, जो आज सुबह से विभिन्न प्रकार के इवेंट्स आयोजित करके बनाई जा रही थी

प्रदर्शनकारी महिला शिक्षकों के पास छोटे-छोटे बच्चे भी थे

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर करीब 100 से अधिक चयनित महिला शिक्षक दूसरे जिलों से भोपाल पहुंचकर रानी कमलापति स्टेशन से पैदल मार्च करते हुए भाजपा कार्यालय पहुंचीं और प्रदर्शन किया। पुलिस ने उन्हें कार्यालय के अंदर जाने से रोका तो सभी महिलाएं सड़क पर दंडवत करते हुए राहगीरों से भीख मांगने लगी। इस दौरान उनके साथ छोटे-छोटे बच्चे भी थे। महिलाओं ने सड़क पर राहगीरों की गाड़ियों को रोककर भीख मांगने का उपक्रम किया। इस प्रदर्शन में पुरुष चयनित शिक्षकों ने भी महिलाओं का साथ दिया

स्कूल शिक्षा मंत्री ने दिसंबर 2021 का वादा किया था

महिला शिक्षकों का कहना है कि स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने दिसंबर 2021 में नियुक्ति का आश्वासन दिया था, लेकिन अब मार्च शुरू हो गया है। फिर भी नियुक्ति नहीं दी गई है। जब भाजपा कार्यालय में किसी नेता ने उनसे मुलाकात नहीं की तो यहां से इन्‍होंने लोक शिक्षण संचालनायल की तरफ पैदल मार्च किया। एमपी डीपीआई के ऑफिस में जबरदस्त नारेबाजी की गई। 

कामना आचार्य ने बताया- शासन से नियुक्ति के आदेश नहीं मिले हैं

काफी देर तक प्रदर्शन करने के बाद अपर संचालक कामना आचार्य उनसे मिलने पहुंची। उन्होंने नियुक्ति शासन के निर्देशानुसार देने की बात कही। इस पर चयनित शिक्षक हंगामा करने लगे। चयनित शिक्षकों का कहना है कि वे आज महिला दिवस पर बिना नियुक्ति पत्र लिए यहां से नहीं जाएंगी। बता दें, कि स्कूल शिक्षा विभाग में 8627 पद और जनजातीय विभाग में लगभग 4000 पदों पर नियुक्ति बाकी है, जिसमें आधी संख्या महिला अभ्यर्थियों की है

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