शहर के लीड कॉलेज में 139 कर्मचारियों का स्टाफ है और उसमें से 70 फीसदी स्टाफ यानी 78 कर्मचारी गैरहाजिर मिले। डिप्टी कलेक्टर शिवांगी अग्रवाल ने निरीक्षण उपरांत गैरहाजिर कर्मचारियों के खिलाफ प्रतिवेदन तैयार कर कलेक्टर को सौंपा। जिस पर कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने सभी गायब 78 प्रोफेसर और अधीनस्थ कर्मचारियों के 1 दिन के वेतन काटने के निर्देश जारी किए हैं।
खास बात यह है कि प्राचार्य अब अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के बचाव में जुट गए हैं,उनका कहना है कि परीक्षा ड्यूटी के दौरान कर्मचारी कक्ष में चले गए थे। इस वजह से रजिस्टर पर हस्ताक्षर नहीं हो पाए। कुल मिलाकर महाविद्यालय में अनुपस्थित प्रोफेसर और स्टाफ की इस कार्रवाई को लेकर महाविद्यालय प्रबंधन और प्रशासन आमने-सामने है।
दैनिक भास्कर से बातचीत में डिप्टी कलेक्टर अग्रवाल ने बताया कि वह जब महाविद्यालय का निरीक्षण करने कॉलेज पहुंची तो वहां पर स्टाफ नदारद था। प्राचार्य कक्ष में मौजूद हाजिरी रजिस्टर को देखा तो उसमें अधिकांश प्रोफेसर और अधीनस्थ कर्मचारियों के दस्तखत ही नहीं थे। प्रोफेसर, स्टाफ के दस्तखत हाजिरी रजिस्टर पर क्यों नहीं है इस संबंध में प्राचार्य भी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके।
ऐसे में यह प्रक्रिया सरासर नियमों का उल्लंघन है और इसीलिए हमने प्रतिवेदन तैयार कर कलेक्टर सर को सौंपा और उन्होंने अनुपस्थित कर्मचारियों को सबक सिखाते हुए सभी 78 कर्मचारियों के 1 दिन के वेतन काटने के निर्देश दिए। इस पूरे मामले में जब श्रीमंत माधवराव सिंधिया शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय शिवपुरी के प्राचार्य प्रोफेसर महेंद्र कुमार से कलेक्टर से मिले 1 दिन के वेतन काटने के निर्देश पर अमल करने की बात पूछी तो वह बोले कि हम एक बार फिर से कलेक्टर साहब से निवेदन करेंगे कि वह अपने निर्णय पर पुनर्विचार करें।
दरअसल हमारे कुछ कर्मचारी परीक्षाएं चलने की वजह से कक्ष में ड्यूटी दे रहे थे, और सुबह जल्दी आ जाने के चलते वह हाजिरी रजिस्टर पर दस्तखत नहीं कर सके। कुछ कर्मचारी ऐसे थे जो नाइट की शिफ्ट में काम करते हैं और सुबह जल्दी निकल गए, इस वजह से डिप्टी कलेक्टर मैडम को निरीक्षण के दौरान कर्मचारियों की अनुपस्थिति मिली और हाजिरी रजिस्टर पर दस्तखत नहीं मिले।
हमने सभी कर्मचारियों को निर्धारित समय पर कॉलेज जाने के निर्देश जारी कर दिए हैं, और अब कलेक्टर साहब से भी निवेदन करेंगे कि वह कर्मचारियों की इस गलती को माफ कर दें। भविष्य में ऐसी गलती कभी कोई कर्मचारी नहीं दोहराएगा।
प्रोफेसर की अनुपस्थिति पर अभाविप कर चुकी है प्रदर्शन
अब से कुछ दिन पहले अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने एक ज्ञापन कलेक्टर के नाम डिप्टी कलेक्टर अंकुर रवि गुप्ता को सौंपा था, जिसमें उन्होंने महाविद्यालय में प्रोफेसर के नियमित ना आने पर कक्षाओं की हालत बिगड़ने की बात कही थी। और छात्रों को पढ़ाई में होने वाली परेशानी की बात को भी उजागर किया था।
इसके साथ ही यदि महाविद्यालय में कक्षाएं नहीं लगी तो फिर विद्यार्थियों की पढ़ाई कैसे होगी, यह सवाल भी उठाया था। यही कारण है कि शिकायत मिलने के बाद कलेक्टर अक्षय कुमार सिंह ने डिप्टी कलेक्टर शिवांगी अग्रवाल को श्रीमंत माधवराव सिंधिया शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय पीजी कॉलेज के निरीक्षण करने के निर्देश दिए जिस पर वहां की स्थिति सामने निकल कर आई।
कर्मचारियों का एक दिन का वेतन काटा जाएगा
डिप्टी कलेक्टर द्वारा पूछे जाने पर महाविद्यालय का समय प्राचार्य ने सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे तक बताया। लेकिन निर्धारित समय पर निरीक्षण के दौरान हाजिरी रजिस्टर पर कर्मचारियों के दस्तखत नहीं मिले, इसलिए उस दिन को हमने अकार्य दिवस घोषित कर अनुपस्थित प्रोफेसर और कर्मचारियों के 1 दिन का वेतन काटने के निर्देश जारी किए। -अक्षय कुमार सिंह, कलेक्टर शिवपुरी
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