
भोपाल। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरवरी २०२१ के विधानसभा में कहा था कि भारत की नौकरशाही यानी आईएएस बाबुओं की फौज है, लोकसभा में उन्होंने यह कहकर देश की जनता को जो आईना दिखाया था वह भारत के इतिहास की जघन्य घटना थी उन्होंने कहा था कि क्या सबकुछ बाबू ही करेंगे आईएएस बन गए मतलब वह फर्टिलाइजर का कारखाना भी चलाएगा, वह हवाई जहाज भी चलाएगा? बाबुओं के हाथ में देश देकर के हम क्या करने वाले हैं। नरेंद्र मोदी के फरवरी २०२१ में लोकसभा में कहे इन वाक्यों के मायने भले ही कुछ हो लेकिन शाजापुर कलेक्टर ने पिछले दिनों जो कमाल कर दिखाया उसको लेकर सर्वत्र उनकी चर्चा हो रही है और लोग यह कहते नजर आ रहे हैं कि जो काम इस प्रदेश की विपक्षी दल के नेताओं ने नहीं किया बल्कि वह काम कलेक्टर शाजापुर ने कर डाला, हालांकि सूत्र यह भी कहते हैं कि आगामी दिनों में कुछ राजनीतिक नेता उनका व्यापमं की कार्यशैली को भ्रष्ट बताने के मुद्दे को लेकर उनका अभिनंदन भी करने की योजना बना रहे हैं यह सभी जानते हैं कि मध्यप्रदेश में शिवराज के सरकार में व्यापमं ने जितना परेशान मुख्यमंत्री और उनकी पार्टी को किया उतना शायद ही कोई मुद्दा कभी राजनीति में नहीं उछला हो जितना व्यापमं को लेकर पक्ष-विपक्षी दल में जूतम पैजार की स्थिति बनी लेकिन फिर भी प्रदेश ही नहीं देश के विपक्षी दल के नेता व्यापमं की कार्यशैली को भ्रष्टाचार का तमगा नहीं दे पाए। जो काम पिछले दिनों कलेक्टर शाजापुर में नगर भ्रमण के दौरान चंद अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए उनसे यह कह डाला था कि क्या व्यापमं की फर्जी नौकरी लेकर सरकारी सेवा में आये हो इससे यह बात साफ हो गई कि व्यापमं की कार्यशैली में भ्रष्टाचार जमकर चलता है और जैसा कि कलेक्टर शाजापुर ने अपने ही जिले के अधिकारी पर भ्रष्टाचार पर व्यापमं की फर्जी डिग्री में नौकरी में आने की बात कहकर यह तो साबित कर ही दिया कि व्यापमं की कार्यशैली के चलते फर्जी नौकरियां दी जाती हैं? अब सवाल यह उठता है कि नरेंद्र मोदी के द्वारा फरवरी २०२१ में लोकसभा में आईएएस अधिकारियों पर किये वाक्यों में कितनी सत्यता है जिसे मप्र के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान परखेंगे और उक्त आईएएस अधिकारी को किस तरह से पुरस्कृत करेंगे यह तो भविष्य के गर्भ में है?
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