खरगोन में हुए दंगे और उसके बाद के हालातों को लेकर भोपाल के काजी, मुफ्ती और कई उलेमा मंगलवार को प्रदेश के डीजीपी सुधीर सक्सेना से मिले और उन्हें ज्ञापन सौंपा। जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि खरगोन और सेंधवा में रामनवमी के जुलूस के दौरान मस्जिदों की दीवारों पर चढ़कर भगवा झंडा लगाया गया। जिससे दंगे भड़के। इसके बाद प्रशासन की तरफ से एकतरफा कार्रवाई कर मुस्लिम समाज को निशाना बनाया जा रहा है।
इसके साथ ही काजी व मुफ्ती ने मुसलमानों के लिए अपील भी जारी की। जिसमें उन्होंने बताया कि प्रदेश में मुसलमानों को एकतरफा सताया जा रहा है। जुल्म बढ़ रहा है और कानून का खुला उल्लंघन हो रहा है। उन्होंने अपील की कि जिन लोगों की दुकान, घर जलाए गए हैं। उनकी मदद करें।
शहर काजी सैयद मुश्ताक अली नदवी मंगलवार को पुलिस मुख्यालय में डीजीपी से मिलने पहुंचे। उनके साथ शहर मुफ्ती मोहम्मद अबुल कलाम कासमी, नायब शहर काजी सैयद बाबर आदि धर्मगुरू मौजूद रहे। उलेमाओं ने खरगोन और सेंधवा में प्रशासन द्वारा की जा रही कार्रवाई पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि कुछ उपद्रवी प्रदेश के अमन और चैन को निशाना बना रहे हैं। प्रशासन बिना तस्दीक और जांच किए एकतरफा कार्रवाई कर मुस्लिम समुदाय का नुकसान कर रहा है।
दिग्विजय और कमलनाथ को भी लिखी चिट्ठी
उन्होंने कहा कि इससे पहले ऐसे ही हालात रायसेन जिले के खमरिया गांव में भी बनाए जा चुके हैं। उलेमाओं ने डीजीपी को बताया कि राजधानी के एक विधायक ने इन मामलों में अनर्गल बयान देकर मामले को और पेचीदा बना दिया है। उन्होंने मांग की है कि समाज में जहर और नफरत फैलाने वाले लोगों पर सख्त रवैया अपनाया जाना चाहिए। उलेमाओं ने इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह को भी चिट्ठी लिखी है।
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