माध्यमिक शिक्षा मंडल मध्य प्रदेश द्वारा कक्षा 10 का रिजल्ट घोषित किया गया। छतरपुर की नैंसी दुबे ने पूरे मध्यप्रदेश में टॉप किया है। प्रेरणादायक बात यह है कि नैंसी दुबे ने कोई कोचिंग नहीं की। उसके पिता किराने की दुकान पर दिहाड़ी मजदूरी करते हैं। सेल्फ स्टडी से रैंक करने वाली कहानियां तो आपने पढ़ी होंगी परंतु नैंसी दुबे की सफलता की कहानी सेल्फ स्टडी से पूरे प्रदेश में टॉप करने की है
MP BOARD 10th EXAM 2021-22 स्टेट लेवल की टॉपर नैंसी दुबे ने बताया कि मैं रोजाना 5 से 6 घंटे पढ़ती थी। टीचर्स ने मुझे पूरा सपोर्ट किया। अगर कुछ समझ नहीं आ रहा और उन्हें मैंने कॉल किया तो वह हमेशा ठीक से समझाते थे। इसके अलावा यू-ट्यूब से भी मैंने पढ़ाई की थी। कोरोना का समय था, स्कूल ज्यादातर बंद ही रहे। मेरे पापा किसान हैं। मम्मी हाउसवाइफ हैं। हमारी आर्थिक स्तिथि ठीक नहीं है। मैं कोचिंग भी ज्वाइन नहीं कर पाई। मैंने सेल्फ स्टडी ही की। ठंडी, गर्मी हो या बरसात मैं रोज 12 KM साइकिल चला कर स्कूल आती-जाती थी। पढ़ाई में सबसे ज्यादा इंपोर्टेंट है कंसीसटेंसी। मतलब रोज पढ़ना और इसी से सफलता मिलती है।
MORAL OF THE STORY
परीक्षा बोर्ड की हो या UPSC की। आप करने वाला उम्मीदवार किसी मजदूर की संतान हो या फिर किसी करोड़पति का उत्तराधिकारी। उसने सेल्फ स्टडी की हो या फिर देश की सबसे महंगी कोचिंग में पढ़ाई। सफलता का सिर्फ एक सूत्र है और वह है कंसीसटेंसी। शास्त्रों में भी लिखा है, यदि आपको ही काम नियमित रूप से निर्धारित समय पर बिना कोई अनुपस्थिति के करते हैं तो वह काम आपको सफलता के शिखर पर ले जाता है।
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