रिसर्च को सहयोगात्मक भावना से करें न कि प्रतिस्पर्धात्मक भावना से
. अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान (एग्पा) द्वारा भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद के सहयोग से नरोन्हा प्रशासन अकादमी में दो दिवसीय मध्यप्रदेश पी.एच.डी संगोष्ठी सम्पन्न हुई। अंतिम दिवस भी व्यापार, उद्योग, वित्तीय समावेशन और ज्ञान अर्थव्यवस्था प्रौद्योगिकी पर समानांतर-सत्र में पूरे प्रदेश से आए युवा रिसर्च स्कॉलर्स ने हाइड्रोजन इनर्जी,इलेक्ट्रिकल व्हीकल, जंगल की आग के बचाव के उपाय सहित कई अन्य महत्वपूर्ण विष्यों पर अपने शोध कार्य का प्रस्तुतीकरण किया। युवा स्कॉलर्स ने अपने शोध कार्य के विषय, महत्व, मेथेडोलॉजी, उद्देश्य आदि को विस्तार से बताया।
चार सदस्यीय विशेषज्ञ पैनल ने सभी युवा स्कॉलर्स के शोधकार्यों को रूचिपूर्वक सुना, समझा और अपने महत्वपूर्ण सुझाव दिये ।उन्होंने बताया कि मेथेडोलॉजी को आसान बनाएँ, राष्ट्रीय संस्थाओं से रियल टाइम डेटा संग्रहित करें, उद्देश्य को सरल और वृहद बनाएं। सभी विशेषज्ञों ने युवा स्कॉलर्स से कहा कि वे मार्गदर्शन देने के लिये सदैव उपलब्ध रहेंगे।
महानिदेशक, एमपीसीएसटी भोपाल डॉ. अनिल कोठारी ने कहा कि सहयोगात्मक भावना से कार्य करें, न कि प्रतिस्पर्धात्मक भावना से। आवश्यकता आधारित विषयों पर शोध कार्य करें। शोध कार्य अधिकाधिक जनहित को ध्यान में रखकर करना चाहिए। शोधकार्य से सामाजिक और राष्ट्रीय हितों की पूर्ति होनी चाहिए।
विशेषज्ञ पैनल में डॉ. अनिल कोठारी महानिदेशक, एमपीसीएसटी भोपाल, डॉ. दीपक तोमर एसोसियेट प्रोफेसर मेनिट, डॉ. वर्षा शर्मा एसोसियेट प्रोफेसर आरजीपीवी भोपाल एवं डॉ. निश्चल मिश्रा एसोसियेट प्रोफेसर आरजीपीवी भोपाल शामिल थे।
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