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श्योपुर : मालीपुरा में गरीबों को स्वीकृत नहीं हो पा रहे पीएम आवास, झुग्गी-झोपड़ियों में रहने को मजबूर

 केंद्र सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना प्रधानमंत्री आवास योजना के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हर गरीब को पक्का घर देने का वादा कराह ल के मालीपुरा में सफेद हाथी साबित हो रहा है। अत्यंत गरीब परिवार के लोग अपने घर के लिए दर-दर भटक रहे हैं लेकिन उन्हें आज तक पक्का घर नहीं मिल पाया है। लोगों का कहना है कि पक्का मकान नहीं होने के कारण उन्हीं झुग्गी झोपड़ियों में रहने को मजबूर होना पड़ रहा है। बारिश के मौसम में हालात और भी ज्यादा बिगड़ जाते हैं।

कराहल जनपद के अंतर्गत आने वाले ग्राम मालीपुरा में ज्यादातर परिवार अब भी पीएम आवास के लिए पंचायत सचिव सहित अन्य अधिकारियों के मुंह ताक रहे हैं। करीब 25 से अधिक परिवार ऐसे हैं जिन्होंने प्रधानमंत्री योजना का लाभ लेने के लिए फॉर्म भी भर दिया गया है, अधिकारियों के द्वारा राशि आने का आश्वासन दिया जा रहा है, लेकिन पात्र ग्रामीणों को आवास का लाभ नहीं मिल सका है।

हालात यह हैं कि ज्यादातर परिवार झुग्गी-झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं तो कई परिवार पन्नी तानकर जीवन यापन करने मजबूर हैं। गरीबी की जिंदगी गुजर बसर करनेवाले इन परिवारों ने सबों से गुहार लगाई लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला।

कच्चे टूटे-फूटे मकान में प्लास्टिक की चादर बिछ कर ये गरीब परिवार अपनी जिंदगी गुजर बसर कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि हर बारिश के मौसम में इन झुग्गी झोपड़ियों की छत से पानी टपकता है। जिससे हादसे की आशंका बनी रहती है। बारिश के सीजन में तो इन मकानों में रहना तक मुश्किल हो जाता है। अधिकारियों से इस मामले में कई बार शिकायत किए जाने के बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है।

कच्चे मकानों में सांप बिच्छुओं का डर
मालीपुरा निवासी मुकुट बिहारी सुमन, हरिओम सुमन, दयाराम सुमन ने बताया कि जिस वक्त पीएम आवास का लाभ लेने के लिए फॉर्म डाला था तब उनके साथ कई लोगों ने फॉर्म भरे थे। उनमें से ज्यादातर लोगों को आवास योजना का लाभ मिल चुका है लेकिन उन्हें अभी तक योजना का लाभ नहीं मिल पाया है।

झुग्गी झोपड़ियों के आसपास 12 महीने पानी भरा रहता है। झोपड़ियों में सांप-बिच्छुओं का डर भी रहता है। हर साल ऐसी घटनाएं भी होती हैं। बावजूद इसके लोगों को सुविधा नहीं दी जा रही है। वही नरेश कुमार सुमन ने बताया कि वह कई बार इस मामले में पंचायत सचिव को शिकायत करने के साथ-साथ जिला प्रशासन को भी आवेदन कर चुके हैं। लेकिन उनकी शिकायत पर कोई सुनवाई नहीं की जा रही है।

4 साल पहले भरे थे फॉर्म, अब काट रहे चक्कर
मालीपुरा निवासी छाेटूलाल सुमन, प्रीतम सुमन, हरिओम सुमन, दयाराम सुमन, मांगीलाल सुमन, मुकुट बिहारी सुमन ने बताया कि शासन के द्वारा तमाम योजनाएं गरीबों के लिए चलाई जा रहीं हैं लेकिन उन्हें अब तक किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री आवास के लिए उन्होंने तीन साल पहले यानी वर्ष 2018 में फॉर्म भर दिए थे।

इसके बाद से वह लगातार पंचायत और जनपद कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं। अधिकारी जल्द राशि आने का आश्वासन दे देते है लेकिन न तो अब तक उनके खाते में कोई राशि आई और न ही उन्हें इस योजना का लाभ मिल सका। ऐसे में वह नर्क सी जिंदगी जीने को मजबूर बने हुए है। आसपास पानी भरा होने से मच्छरों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है जिससे बीमारियों के फैलने का खतरा बढ़ रहा है।

जांच कराई जा रही है
मालीपुरा में पीएम आवास नहीं मिलने की शिकायत हमें मिली है। इस मामले की जांच कराई जा रही है। पटवारी और इंजीनियर इस मामले में जांच कर रहे हैं। यदि किसी को आवास नहीं मिले हैं तो उसकी जांच कराकर उन परिवारों का नाम आवास की सूची में जोड़ा जाएगा। -अभिषेक त्रिवेदी, जनपद सीईओ, कराहल

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