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शिवपुरी : हवाई फायर से भयभीत वन अफसर नहीं कर पा रहे कार्यवाही की हिम्मत

जंगल मे अवैध उत्खनन के परिवहन में लगे माफिया

अब मोहनगढ़ सब रेंज में शुरू हुआ अवैध खनन 

दोषियों पर कार्यवाही न होने से बुलंद हो रहे वन अपराधियों के होसले 

 शिवपुरी 09 मई 2022

सतनवाडा सब रैंज अंतर्गत आने वाले बम्हारी –डोंगरी में लीज क्षेत्र से  दूर फारेस्ट में मात्र 200 मीटर की दूरी पर अवैध खनन बदस्तूर जारी है,  वो भी तब जब इस इलाके की रैकी खुद वनमंडलाधिकारी श्रीमती मीनाकुमारी मिश्रा विगत माह करके आई हैं । फारेस्ट के रेंजर ने  भी बम्हारी -डोंगरी के फारेस्ट एरिया  में खदानों के संचालन होने की बात लिखित तौर पर वरिष्ठ कार्यालय को दी है। फिर भी वन अपराधियों पर कार्यवाही न हो तो दोषी कौन ?  लीज की ओट में  पथरोली के फारेस्ट एरिया में अवैध उत्खनन कर रखे पत्थर को ट्रक में लादकर डंके की चोट निकाल ले जा रहे हैं माफिया । पिछ्ले कुछ घण्टों से ये काला खेल जारी है।  बीट  गार्ड भी इस वन विनाश में बराबर शामिल हैं । आज कई घनमीटर पत्थर पथरोली के  जंगल से ट्रक में परिवहन किया गया है ।

बता दें कि सतनवाडा रेंज के बम्हारी- डोंगरी की पांच  लीज की ओट में जंगल में बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन चल रहा है।  पूरा इलाका सत्ताधारी मंत्री के कथित संरक्षण में नेस्तनाबूद किया जा रहा है । वन अधिकारी खुद मौके पर जाकर तवाही का मंजर देख आये उसके बाद भी रहस्यमयी चुप्पी से कई शंकाएं व अफवाहें जन्म ले रही हैं । आज दिनांक तक लीजधारियों को व लिप्त  विभागीय कर्मचारियों को एक नोटिस तक जारी नहीं किया गया , इसका नतीजा ये निकला की चंद दिन चुप बैठने के बाद लीजधारियों ने पुनः अवैध उत्खनन करने  जंगल में मजदूर और मशीनें उतार दिए हैं । कुछ ही घंटे के अन्दर  पथरोली में तीन ट्रक माल जंगल से निकाल लिया गया  और लेबर को काम पर लगा दिया गया है ।


 *अब मोहनगढ़ सब रेंज में धुंआधार उत्खनन* 


 बम्हारी-पथरोली में कार्यवाही के नाम पर वरिष्ठ अफसरों की चुप्पी का नतीजा ये हुआ की 5 दिन से शिवपुरी रेंज की मोहनगढ़ सब रेंज के गाँव मोराई, खेरोना , पाठ्खेदा , अर्जुनगंवा , विरधा , मझेरा में लगभग 200- से 300  अवैध उत्खननकर्ता पहुंच गए जिहोने बड़ा गाँव के रास्ते माल फैक्ट्रियों पर पहुंचाना प्रारम्भ कर दिया है ।

सहरिया क्रांति के युवा अध्यक्ष अजय आदिवासी का कहना है कि बम्हारी –डोंगरी में पाए गए अवैध उत्खनन पर अगर प्रभावी कार्यवाही विभाग करता तो जिले के जंगल में उत्खनन करने वालों को भय होता लेकिन खुद डीएफओ द्वरा पकड़े गए उत्खनन के दोषियों पर अभी तक कार्यवाही न कर पाने के कारण माफिया तत्वों के हौसले बुलंद हो गए और वे खुलकर अब जंगल में तबाही मचा रहे हैं .

 पहले सूचना करते हैं फिर जाते हैं छापा – छापा खेलने


जब भी वन अधिकारी जंगल क्षेत्रों में सर्चिंग पर जाते हैं तो अवैध उत्खनन कर्ताओं को वे अपने एक एनी नम्बर से फोन करके सूचना भेज देते हैं जिससे 98 प्रतिशत मामलों में आरोपी मौके से लेबर  को गायब कर देते हैं और जब वन अमला पहुंचता है तो दो- चार पत्थर फोड़कर अपने को पाक साफ़ बता देते हैं . अगर वाकी में वनों को बचाना है तो माफिया को सख्त सबक सिखाना होगा .

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