बिर्रा-शासकीय प्राथमिक शाला बोरसी में चल रहे 3 दिवसीय समर कैंप का आज अंतिम दिन था। जिसकी शुरुआत पिछली कविताओं के दोहराने के साथ हुई, जिसे बच्चे बखूबी बता रहे थे, लय और हावभाव ने कविताएं बच्चों के स्मृति पटल में बस गई थी। आज अंग्रेजी भाषा में एक सरल हाव भाव के साथ की गई, जिसमें बच्चे रुचि के साथ कर रहे थे।
इसके बाद प्रधान पाठक ने छत्तीसगढ़ी भाषा में बुढ़िया की रोटी रोचक तरीके से सुनाई, जिसमें बच्चों ने कहानी का क्रम, कितने जानवर है और कल्पनाएं करते हुए आनंद लिया, इसके साथ ही कहानी को रोल प्ले के माध्यम से बच्चों ने प्रदर्शित किया।और अंत में चौथी और पांचवी के बच्चों ने दीवार पत्रिका पर काम किया जिसमें उन्होंने अपने घरों, पेड़ों और मंदिरों के बारे में विस्तार से लिखा, लिखते समय बच्चे एक दूसरे की मदद करते नजर आए, जो पियर लर्निंग की ओर बढ़ावा देती है।
पहली से तीसरी तक के बच्चे क्ले के माध्यम से विभिन्न आकार बनाकर उन पर बात कर रहे थे, जहां क्ले के रंगों के माध्यम से वर्गीकरण और फिर उन्हीं की मदद से संख्या और गणित की अवधारणाओं पर काम करते नजर आए। इस दौरान शा प्रा शाला बिर्रा के प्रधान पाठक श्री मुरारी लाल थवाईत , डी डी एस पूर्व माध्यमिक विद्यालय के प्रधान पाठक श्री लक्ष्मी देवांगन , गांव में 3 निवासरत पूर्व माध्यमिक विद्यालय बोरसी के शिक्षक नवधा चंद्रा सर ने बच्चों के साथ समय व्यतीत किया
और उन्हें सीखने की गतिविधियों की रोचकता एवं ऐसे कार्यक्रम होते रहने की बात की। इन्हीं के साथ ही अज़ीम प्रेमजी फाऊंडेशन से अनीस, मुनीर और सुनील ने भाग लिया था, जिन्होंने बच्चों से उनके द्वारा की जा रही गतिविधियों पर बात की। कुल मिलाकर " समर कैम्प " बच्चों के द्वारा विभिन्न गतिविधियों और बच्चों और शिक्षकों में अच्छा तालमेल और दोस्ताना माहौल में सम्पन्न हुआ ।
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