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पटवारियों के बैठने के समय को दीवार में लिखवाएं कलेक्टर

 


कलेक्टर ने नामांतरण, बंटवारा, सीमांकन सहित अन्य राजस्व प्रकरणों के निराकरण में तेजी लाने के निर्देश एसडीएम और तहसीलदारों को दिए। उन्होंने रिकार्ड दुरुस्तीकरण में प्रगति नहीं होने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि तहसीलदार स्वयं भी इस कार्य में रुचि ले। कलेक्टर ने पटवारियों को अपने हल्का क्षेत्र में अनिवार्य रूप से उपस्थिति देने के निर्देश देते हुए कहा कि हल्का क्षेत्र में मुख्यालय में पटवारियों के बैठने के समय को दीवार में लिखवाए, ताकि यहाँ किसी काम से आने वालों को भटकना न पड़े। उन्होंने स्कूलों में विद्यार्थियों को शीघ्र जाति प्रमाणपत्र बनाकर वितरण करने के भी निर्देश दिए।

स्व-सहायता समूह के उत्पादों का क्रय करें-

     कलेक्टर ने जिले में स्व सहायता समूह की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उनका सुदृढ़ीकरण करने के निर्देश दिए। उन्होंने छात्रावासों, स्वास्थ्य केंद्रों आदि में समूहों द्वारा बनाये गए उत्पादों आचार,पापड़, बड़ी, टोकरी,झाड़ू, फिनायल आदि का क्रय गुणवत्ता और क़ीमत को ध्यान में रखकर करने के निर्देश दिए।

खाद की कालाबाजारी पर फर्टिलाइजर एक्ट के तहत कार्यवाही करें -

     कलेक्टर श्री सिन्हा ने कहा कि जिले में किसानों की परेशानियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। किसानों को खाद के लिए कही भटकना न पड़े और निजी दुकानों में किसानों से अधिक कीमत न ले,इसके लिए कृषि विभाग के अधिकारी निरन्तर निरीक्षण करे। कलेक्टर ने निजी खाद विक्रेताओं की बैठक लेने के भी निर्देश दिए। खाद की कालाबाजारी करते पाए जाने पर फर्टिलाइजर एक्ट के तहत कार्यवाही के निर्देश भी दिए।

निर्माण कार्य में गुणवत्ता झलकनी चाहिए-

     कलेक्टर ने जिले में किए जा रहे सभी विकास कार्यों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण एजेंसी पीडब्ल्यूडी, आरइएस सहित अन्य को निर्देशित किया कि निर्माण कार्यों का वे स्वयं भी अवलोकन करेंगे। किसी भी कार्यों में गुणवत्ता से समझौता नहीं किया जाएगा। निर्माण कार्यों में गुणवत्ता झलकनी चाहिए।

रोजगार और आजीविका के साधनों को विकसित करें -

     कलेक्टर ने जिले में संचालित गोधन न्याय योजना की समीक्षा करते हुए कहा कि गोठनों का स्वरूप नियमानुसार हो। गोठनों में रोजगार और आजीविका के साधन विकसित हो तथा यहाँ से जुड़ी स्व सहायता समूह की महिलाएं आत्मनिर्भर बन सके, इस दिशा में कार्य सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने गोठनों में जरूरी सुविधाएं मुहैया कराने के साथ इससे जुड़े विभागों को पौधारोपण, शेड निर्माण, मुर्गी,पशुपालन, मछली पालन आदि के लिए कई निर्देश भी दिए।

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