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MP : युवाओं को आजादी के अमर नायकों के आदर्शों और सिद्धांतों की शिक्षा देना जरूरी - राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल

राज्यपाल श्री पटेल श्री जानकीरमण महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह में शामिल हुए
स्व. पं. हरिकृष्ण त्रिपाठी की प्रतिमा का किया अनावर


 राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने कहा है कि युवाओं में देशप्रेम की भावना को सशक्त करने के लिये जरूरी है कि उन्हें देश के समृद्धशाली इतिहास और देश की आजादी के लिये अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले अमर शहीदों के आदर्शों और सिद्धांतों की शिक्षा दी जाये। उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी के लिए यह जानना आवश्यक है कि देश को आजादी कैसे मिली और इसके लिये किन महापुरुषों और क्रांतिकारियों ने अपने प्राणों की आहुति दी। राज्यपाल श्री पटेल ने ये उद्गार आज श्री जानकीरमण कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय की स्थापना के पचास वर्ष पूरे होने पर आयोजित स्वर्ण जयंती समारोह को सबोधित करते हुए व्यक्त किये।
राज्यपाल ने ऐतिहासिक उपलब्धि पर महाविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों को बधाई देते हुये इसके संस्थापक शिक्षाविद एवं साहित्यकार स्व. पंडित हरिकृष्ण त्रिपाठी को नमन किया। उन्होंने कहा कि स्व. त्रिपाठी निष्ठापूर्ण और समर्पित भाव से राष्ट्र और समाज सेवा करने वाले बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी थे। श्री पटेल ने लगातार पचास वर्ष से शैक्षणिक संस्थान के संचालन तथा बच्चों को अच्छी शिक्षा देकर देश का जिम्मेदार नागरिक बनाने का प्रयत्न करने के लिये श्री जानकी रमण ट्रस्ट की सराहना भी की। राज्यपाल ने महाविद्यालय के स्वर्ण जयंती समारोह में आमंत्रित करने के लिए महाविद्यालय प्रबंधन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि महर्षि जाबालि के गौरव से पल्लवित एवं रानी दुर्गावती के शौर्य की साक्षी संस्कारधानी जबलपुर आना गौरव और सम्मान की बात है।
श्री पटेल ने देश के गौरवशाली और समृद्ध शाली इतिहास का स्मरण करते हुये कहा कि एक समय था जब इस देश में नालंदा और तक्षशिला जैसे विद्यापीठ थे और तब विदेशों से भी बच्चे यहां पढ़ने आते थे। उन्होंने राणा सांगा का जिक्र करते हुये कहा कि इस देश का इतिहास कई शक्तिशाली और महान योद्धाओं से भरा पड़ा है। लेकिन एक चीज की कमी थी और वह देश भक्ति और राष्ट्र प्रेम की भावना का न होना था। इसी वजह से व्यापार करने आये अंग्रेज यहाँ राज करने लगे।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में आजादी के आंदोलन में अपना समग्र जीवन न्यौछावर कर देने वाले क्रांतिकारियों की जीवनी पढ़ने युवाओं का आव्हान करते हुए कहा कि स्वतंत्रता समर के अमर नायकों के आदर्शों से उन्हें समाज तथा देश की सेवा करने की प्रेरणा मिलेगी। श्री पटेल ने आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में मनाये जा रहे आजादी के अमृत महोत्सव का जिक्र करते हुए कहा कि यह समय देश के वैभवशाली अतीत का स्मरण करने के साथ-साथ नये उसूलों और लक्ष्यों का निर्धारण करने का भी है। उन्होंने आजादी के अमृत महोत्सव में 13 से 15 अगस्त तक चलाये जाने वाले हर घर तिरंगा अभियान का उल्लेख भी अपने सम्बोधन में किया और सभी नागरिकों से अपने घर पर राष्ट्रध्वज फहरा कर गर्व के साथ देश प्रेम का इजहार करने का आग्रह किया।
समारोह में राज्यपाल श्री मंगुभाई पटेल ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री कोमल चंद जैन, स्व. पंडित हरिकृष्ण त्रिपाठी की धर्म पत्नी श्रीमती माया त्रिपाठी, शिक्षाविद एवं मूर्तिकार श्री भजनलाल महोबिया एवं अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज एवं महाविद्यालय की छात्रा रागिनी मार्को का सम्मान किया। उन्होंने स्व. हरिकृष्ण त्रिपाठी की रचना "सृजन के सशक्त हस्ताक्षर" का लोकार्पण भी किया तथा समारोह के प्रारम्भ में राज्यपाल ने महाविद्यालय के संस्थापक स्व. पंडित हरिकृष्ण त्रिपाठी की प्रतिमा का अनावरण किया।
समारोह में शंभूनाथ शुक्ल विश्विद्यालय शहडोल के कुलपति श्री मुकेश तिवारी, श्री जानकी रमण महाविद्यालय के शासी निकाय के अध्यक्ष श्री शरद चन्द्र, मध्यप्रदेश साहित्य अकादमी के अध्यक्ष श्री विकास दवे एवं महाविद्यालय के प्राचार्य श्री अभिजात कृष्ण त्रिपाठी भी मंचासीन थे। समारोह का संचालन इतिहासविद श्री आंनद सिंह राणा ने किया। समारोह के समापन पर राज्यपाल श्री पटेल का स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मान किया गया। समारोह की शुरुआत में महाविद्यालय की छात्राओं के जानकी बैंड ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।

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