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MP : ओंकारेश्वर प्रकल्प के विरुद्ध लगाई गई याचिका एनजीटी द्वारा खारिज



 ओंकारेश्वर के मान्धाता पर्वत पर मध्यप्रदेश के संस्कृति विभाग द्वारा आचार्य शंकर की 108 फीट ऊंची एकात्मता की प्रतिमा तथा शंकर संग्रहालय की स्थापना की जा रही है। साथ ही 11.56 हैक्टेयर भूमि पर आचार्य शंकर की बहुधातु प्रतिमा एवं शंकर संग्रहालय का निर्माण किया जा रहा है। मान्धाता (ओंकारेश्वर) पर्वत पर तीस हजार से अधिक वृक्षारोपण किया जा रहा है। सहायक संचालक संस्कृति डॉ शैलेंद्र मिश्र ने बताया कि न्यास द्वारा प्रकल्प हेतु सभी कार्य संबंधित विभागों से अनुमति प्राप्त करके ही किए गए हैं। न्यास द्वारा 36 हैक्टेयर भूमि में केवल सघन वृक्षारोपण किया जा रहा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा पाया गया कि संस्कृति विभाग द्वारा दस गुना से अधिक वृक्षारोपण किया जा रहा है। इस प्रकल्प से पर्वत के पर्यावरण पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ेगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल द्वारा शिवा मिशन ट्रस्ट की याचिका को खारिज कर दिया गया है।

इस निर्माण के विरुद्ध शिवा मिशन ट्रस्ट नामक संस्था द्वारा याचिका दायर की गई थी। याचिका में कहा गया था कि आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास द्वारा उक्त निर्माण हेतु बिना अनुमति पर्वत पर बड़े पैमाने पर वृक्षों की कटाई की जा रही है और पर्यावरण को क्षति पहुँचाई जा रही है। याचिकाकर्ता द्वारा दावा किया गया कि मूर्ति हेतु 15,000 वृक्ष काटे गए हैं।

एनजीटी द्वारा गठित समिति द्वारा ओंकारेश्वर में मान्धाता पर्वत का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। रिपोर्ट के अनुसार याचिकाकर्ता संस्था शिवा मिशन ट्रस्ट को पूर्व में एक हैक्टेयर भूमि में वृक्षारोपण की अनुमति दी गई थी, किंतु शिवा मिशन ट्रस्ट द्वारा वहाँ पानी टैंक, स्विमिंग पूल, आवासीय मकान व अन्य पक्के निर्माण किए गए। शर्तों के उल्लंघन के कारण 2014 में नायब तहसीलदार द्वारा संस्था पर बीस हज़ार रूपये का जुर्माना भी लगाया गया था।

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