माह के अवसर पर ब्रिटानिया न्यूट्रिशन फाउंडेशन (बीएनएफ) ने जिला प्रशासन के साथ ग्राम सुरवाया में आयोजित एक कार्यक्रम में पोषण की घंटी, कुपोषण से छुट्टी अभियान का शुभारंभ किया। इस अभियान का उद्देश्य समाज में प्रतिभागिता और व्यवहार में परिवर्तन को प्रोत्साहित कर पोषण के स्तर में सुधार लेकर आना है।
इस कार्यक्रम में उन महिला परिवर्तनकर्ताओं (बीएनएफ सुपोषण सखी), आंगनवाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं तथा माताओं को अपने गांव में कुपोषण को कम करने में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए सम्मानित किया गया।
कलेक्टर श्री अक्षय कुमार सिंह ने कहा है कि मुझे जिले को कुपोषण मुक्त करने के लिए ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन के सहयोग एवं इन संगठित प्रयासों का प्रभाव को देखकर खुशी हो रही है। पोषण की घंटी, कुपोषण से छुट्टी एक विशेष अभियान है, जो लोगों की भागीदारी बढ़ाएगा और समुदायों के बीच पोषण के बारे में जागरुकता बढ़ाकर कुपोषण को कम करेगा।
श्री विजय वाधवानी, सीएसआर, ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज लिमिटेड ने शिवपुरी जिले में कुपोषण को कम करने के लिए जिला प्रशासन और स्थानीय साझेदारों के साथ किए जा रहे विभिन्न प्रयासों एवं अभियानों के बारे में जानकारी दी।
आंगनवाड़ी केन्द्रो, स्कूलों और सामुदायिक स्तर पर काम करने वाले एक बहुआयामी दृष्टिकोण के साथ किए जा रहे ये प्रयास न केवल कुपोषित बच्चों पर बल्कि उस पूरे परिवेश पर केंद्रित है जिनमें बच्चों का विकास होता है। इन प्रयासों का उद्देश्य जीवन चक्र में कुपोषण का समाधान कर स्थायी प्रभाव उत्पन्न करना है। परियोजना के माध्यम से पोषण में सुधार लाने के लिए गर्भावस्था के दौरान आहार और विधियों पर जागरूकता, स्तनपान के दौरान बच्चों की समुचित देखभाल, पर्याप्त पूरक आहार, पोषण वाटिका लगाना, अतिरिक्त पोषण आहार प्रदान कराना, वृद्धि निगरानी और किशोरियों के पोषण से संबधित गतिविधियां की जाती है। इसके अतिरिक्त स्वास्थ्य शिविर, जल एवं स्वच्छता साम्रगी प्रदान करना, आंगनवाड़ी एवं आशा कार्यकर्ताओं के क्षमता सम्बर्धन करना भी शामिल है, ताकि उनकी सेवाओं की गुणवत्ता और कवरेज में सुधार हो।
इसके साथ ही, कुपोषण की रोकथाम के लिए समुदाय की सहभागिता को बढ़ावा दिया जाता है। इसके लिए सामुदायिक महिला परिवर्तनकर्ताओं, सुपोषण सखियों को अपने समुदाय को कुपोषण मुक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए सशक्त बनाया जा रहा है। इन सुपोषण सखियों को अपने समुदायों के लिए काम करने की उनकी रुचि और इच्छा के आधार पर चुना जाता है और ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन की टीम द्वारा प्रशिक्षित किया जाता है, ताकि वो अपने समुदायों में उन बच्चों की पहचान कर सकें, जो कम वजन, बीमारी, सुस्ती, वृद्धि न होने आदि लक्षणों को प्रदर्शित करते हैं और उनके बारे में आंगनवाड़ी और आशा कार्यकर्ताओं को सूचना देना। उन्हें गर्भवती और धात्री महिलाओं के साथ काम करने तथा आहार, विधियों एवं सेवाओं के मामले में सकारात्मक व्यवहारों को प्रोत्साहित करने के लिए भी प्रशिक्षित किया जाता है।
इस परियोजना की गतिविधियां महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य एवं शिक्षा विभाग और अन्य साझेदारों के साथ गठबंधन में क्रियान्वित की जाती हैं। शिवपुरी और ग्वालियर में 100 से ज्यादा गाँवों/ झुग्गियों में 300 से ज्यादा प्रशिक्षित सुपोषण सखियों के साथ सहयोगात्मक प्रयासों से पिछले एक साल में 5 साल से कम उम्र के 1500 से ज्यादा चिन्हित कुपोषित बच्चों और 500 किशोरियों को कुपोषण मुक्त किया गया है।
शिवपुरी में आए परिवर्तन के बारे में श्री देवेंद्र सुंद्रियाल, डीपीओ, शिवपुरी ने कहा, इस परियोजना से हमने जो सकारात्मक परिणाम हासिल किए है उसका मुख्य कारण अच्छा तालमेल और सबकी सहभागिता है। ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन के सहयोग से हम इस दिशा में आगे कदम बढ़ा रहे हैं और जागरुकता बढ़ाने तथा सकारात्मक व्यवहार को प्रोत्साहित करने के लिए पोषण की घंटी, कुपोषण से छुट्टी अभियान शुरू कर रहे है।
इस अवसर पर ब्रिटानिया इंडस्टीज़ लिमिटेड के प्रवक्ता ने बताया, ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन की परियोजना का मुख्य उददेश्य बच्चों, किशोरियों और महिलाओं में कुपोषण को दूर करना है। शिवपुरी में हमारे प्रयासों द्वारा बच्चों के कुपोषण में 60 प्रतिशत कमी और किशोरियों में 42 प्रतिशत कमी लायी गई तथा ग्वालियर में क्रमशः 45 प्रतिशत और 29 प्रतिशत कमी लाने में सफलता मिली। मध्यप्रदेश में ब्रिटानिया न्यूट्रीशन फाउंडेशन को कुपोषण कम करने में सबसे बड़ी सफलता मिलने का कारण यह है कि हमने अपनी रणनीतियों को स्थानीय वातावरण में समायोजित किया, महिला बाल विकास एवं स्वास्थ्य विभाग की नीतियों व कार्यक्रमों का अपने परियोजनाओं में समावेश किया, साथ ही समुदाय की महिलाओं को सक्रिय साझेदारी के लिए प्रोत्साहित एवं सशक्त किया, जिससे परियोजना का प्रभाव कई गुना बढ़ गया। इन जिलों में कुपोषण से मुक्ति पर केन्द्रित प्रयासों को आगे ले जाने के लिए हम अपनी पहुँच 30,000 से बढ़ाकर 65,000 लाभार्थियों तक कर रहे हैं, ताकि ज्यादा बच्चों, किशोरियों और महिलाओं को इसका लाभ मिल
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