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MP : ढाई करोड़ की 3 टंकियों में लीकेज, 15 हजार लीटर पानी की रोज बर्बादी

 



शिवपुरी शहर में ढाई करोड़ लागत से बनी 15 लाख लीटर क्षमता की एक टंकी और 10 लाख लीटर क्षमता की 2 टंकियों में लीकेज होने से प्रतिदिन 15 हजार लीटर पानी बर्बाद हाे रहा है। लीकेज हाेकर निकला पानी टंकी के नीचे ही जमा हो रहा है। इससे टंकी गिरने का खतरा बढ़ रहा है। नगर पालिका अधिकारियाें काे इसकी जानकारी दाे साल से है लेकिन अब तक लीकेज ठीक करने के प्रयास ही नहीं किए गए। अब नगर पालिका के अधिकारी टेंडर की दरें तय करने के लिए नवगठित परिषद की बैठक का इंतजार कर रहे हैं।

नपा के सहायक यंत्री सचिन चौहान ने बताया कि साल 2012 से 2017 तक दोशियान कंपनी ने टंकियां बनाई थीं। साल 2018 में दोशियान कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया। इन सभी टंकियों में कहीं ग्रिल नहीं लगी है तो कहीं काम पूरा नहीं हुआ है। इसके बावजूद टंकियों में पानी भरकर सिंध की जल सप्लाई शुरू कर दी गई। नतीजा यह निकला कि राघवेंद्र नगर की जो टंकी 15 लाख लीटर क्षमता की है, उसमें पानी भरने के बाद 5000 लीटर पानी लीकेज के कारण व्यर्थ बह जाता है। टंकी के नीचे प्लिंथ प्रोटेक्शन नहीं होने से लीक हो रहा पानी टंकी के नीचे जमीन में समा रहा है। इससे टंकी को ही खतरा पैदा हो गया है। नपा के इंजीनियर भी मान रहे हैं कि टंकी को खतरा है। वहीं ठकुरपुरा व पीएचक्यू में 10-10 लाख लीटर क्षमता टंकी बनी हैं लेकिन इनमें से प्रतिदिन 10000 लीटर पानी व्यर्थ बहकर निकल रहा है।

2 साल से एडीएम के यहां अटकी फाइल, अब परिषद की बैठक का इंतजार
नगरपालिका के अधिकारियों ने बताया कि टंकी में 4 तरह के सप्लाई पाइप होते हैं। पानी भरने के लिए, सप्लाई के लिए, सफाई के लिए और ओवरफ्लो के लिए एक-एक पाइप रहता है। टंकी बनाते वक्त इस प्रक्रिया को व्यवस्थित ढंग से पूरा नहीं किया गया। इसी कारण टंकी से पानी लीक हो रहा है। टंकियों में नीचे बेसमेंट में प्लिंथ प्रोटेक्शन भी नहीं है। इसलिए लीक हो रहा पानी टंकियों के नीचे ही जमा हो रहा है। सर्वे होने के बाद रिपोर्ट नगर पालिका को मिली तो उन्होंने टेंडर निकाले। 24 लाख 72 हजार रुपए का टेंडर नगर पालिका से जारी किया गया जिसे इंदौर की कंपनी ने लिया है लेकिन अभी तक इसकी दरें तय नहीं हुई हैं। इसके लिए परिषद की बैठक का इंतजार किया जा रहा है।

जल्द शुरू कराएंगे लीकेज
"पहले चरण में 5 टंकियों पर लीकेज बंद करने का काम कराएंगे। इनमें राघवेंद्र नगर, ठकुरपुरा और पीएचयू की टंकी के साथ सब्जी मंडी और मोती बाबा टंकी का काम शामिल है। यहां लीकेज अधिक हैं और खतरा भी अधिक है। इसलिए परिषद की बैठक में दर स्वीकृत होने के बाद यहां काम शुरू हो जाएगा। यह टंकियां दोशियान कंपनी ने बनाई थी जो अब ब्लैकलिस्टेड है।

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