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राष्ट्रीय ध्वज के संबंध में भारतीय झंडा संहिता 2002 के पालन के संबंध में आवश्यक निर्देश



शिवपुरी जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा जिले के समस्त गणमान्य नागरिकों को भारतीय झंडा संहिता 2002 के पालन के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही सभी गणमान्य नागरिकों से अपील है कि राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग उक्त प्रावधान अनुरूप कर हमारे राष्ट्रीय गौरव का यथोचित सम्मान करें।
समस्त भारतीयों को एक सूत्र में बांधने वाला भारत का राष्ट्रीय ध्वज जिसे सभी भारतवासी बड़े सम्मान के साथ देखते हैं, इसका उपयोग प्रत्येक राष्ट्रीय पर्व पर सभी के द्वारा किया जाता है। इस वर्ष भी 15 अगस्त को राष्ट्रीय पर्व स्वतंत्रता दिवस का हम सभी बड़ी ही उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं और करें भी क्यों ना यह हम भारतीयों का राष्ट्रीय पर्व जो है। इस दिन हम सभी अपने हृदय में देशभक्ति, देशप्रेम का दीप जलाकर अपने झंडे को हाथ में लेकर अपने देश के प्रति अपने सम्मान को प्रकट करते हैं। इस दिन हम सभी विभिन्न प्रकार बनाये गये झंडों का बहुतायत में उपयोग करते हैं। भारतीय राष्ट्रीय ध्वज का ध्वजारोहण/प्रयोग/संप्रदर्शन राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 और भारतीय ध्वज संहिता, 2002 द्वारा नियंत्रित है। भारतीय ध्वज संहिता 2002 में निहित कुछ मुख्य दिशा-निर्देश जनता की जानकारी भारत का राष्ट्रीय ध्वज हाथ से काते गए और हाथ से बुने हुए या मशीन द्वारा निर्मित सूती/पॉलिएस्टर/ऊनी/सिल्क/खादी के कपड़े से बनाया गया हो, जनता का कोई भी व्यक्ति, कोई भी गैर-सरकारी संगठन अथवा कोई भी शिक्षा संस्था राष्ट्रीय झंडे को सभी दिनों और अवसरों, औपचारिकताओं या अन्य अवसरों पर फहरा/प्रदर्शित कर सकता है, बशर्ते राष्ट्रीय झंडे की मर्यादा और सम्मान का ध्यान रखा जाए। भारतीय झंडा संहिता 2002 को 20 जुलाई के आदेश द्वारा संशोधित किया गया है। भारतीय झंडा संहिता के विभिन्न धारा से प्रतिस्थापित किया गया है। जिसमें "जहॉं झंडे का प्रदर्शन खुले में किया जाता है या जनता के किसी व्यक्ति द्वारा घर पर प्रदर्शित किया जाता है, वहां उसे दिन एवं रात में फहराया जा सकता है’’, जब कभी राष्ट्रीय झंडा फहराया जाये तो उसकी स्थिति सम्मानजनक और पृथक होनी चाहिए, फटा हुआ और मैला-कुचला झंडा प्रदर्शित नहीं किया जाये, झंडे को किसी अन्य झंडे अथवा झंडों के साथ एक ही ध्वज-दंड से नहीं फहराया जाये, संहित के भाग-प्प्प् की धारा प्ग् में उल्लेखित गणमान्यों जैसे राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल आदि के सिवाय झंडे को किसी वाहन पर नहीं फहराया जायेगा, किसी दूसरे झंडे या पताका को राष्ट्रीय झंडे से ऊॅंचा या उससे ऊपर या उसके बराबर में नहीं लगाना चाहिए। अधिक जानकारी के लिये राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 और भारतीय झंडा संहिता, 2002, गृह मंत्रालय की बेवसाईट पर उपलब्ध है।

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