शिवपुरी, म.प्र.प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सम्मानीय मूर्ति निर्माताओं, उपयोगकर्ताओं, स्वयं सेवी संगटनों, स्थानीय निकाय एवं आम नागरिकों से पर्यावरण संरक्षण हेतु अपील करता है कि- धार्मिक त्योहारों जैसे गणेश चतुर्थी, दुर्गा-पूजन के दौरान वृहद स्तर पर मूर्तियों का निर्माण एवं प्राकृतिक जल स्त्रोतों में उनका विसर्जन किया जाता है। इस संबंध में अपील है कि मूर्तियों के निर्माण में प्राकृतिक सामग्री जैसे कि बांस, घास, गोवर, कागज, मिट्टी तथा प्राकृतिक रंग जैसे कि हल्दी, चंदन इत्यादि का उपयोग करें।
पण्डाल की साज-सज्जा हेतु प्राकृतिक सामग्री फूल पत्ती, घास, वांस तथा प्राकृतिक रंगों का उपयोग करें। सिंगल यूज प्लास्टिक सामग्री का उपयोग न करें। प्लास्टर ऑफ पेरिस (पी.ओ.पी) तथा खतरनाक रंगों से निर्मित मूर्तियों को जल
स्त्रोतों में विसर्जन के दौरान उनसे जहरीले रसायन व भारी तत्व जैसे कि लेड, एल्युमिनियम, कॉपर, आदि निकलते है जो पानी को विषाक्त बनाते है, जिससे जलीय-जीर्वो पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। मनुष्यों के द्वारा इस प्रकार के पानी से निकाल कर उपयोग की गई मछलियों के खाने से कैंसर जैसी घातक बीमारियाँ पैदा होती है। मुर्तियों का विसर्जन प्राकृतिक जल स्त्रोतों के स्थान पर स्थानीय निकाय द्वारा पृथक से बनाये गये कुंड आदि में करे ताकि प्राकृतिक जल स्रोतों को प्रदूषण से बचाया जा सके। विस्तृत जानकारी हेतु म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की वेबसाइट www.mppcb.nic.in पर उपलब्ध है।
0 टिप्पणियाँ