प्रदेश में विमुक्त, घुमंतु और अर्द्ध-घुमंतु जनजातियों के आर्थिक और सामाजिक विकास के लिये अम्ब्रेला स्कीम तैयार की गई है। स्कीम के जरिये 5 वर्ष में 200 करोड़ रूपये की राशि खर्च की जा रही है। स्कीम वर्ष 2021-22 से प्रारंभ की गई है।
स्कीम में इन वर्गों के शैक्षणिक सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, आजीविका और भूमि और आवास व्यवस्था पर यह राशि खर्च की जा रही है। इन वर्गों के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में सक्षम बनाने के लिये उच्च गुणवत्तापरक कोचिंग देने, स्वास्थ्य बीमा, सामुदायिक स्तर पर जीविका पहलों की सुविधा और आवास निर्माण के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करना प्रमुख है।
स्कीम में इन वर्गों के शैक्षणिक सशक्तिकरण, स्वास्थ्य, आजीविका और भूमि और आवास व्यवस्था पर यह राशि खर्च की जा रही है। इन वर्गों के युवाओं को प्रतियोगी परीक्षाओं में सक्षम बनाने के लिये उच्च गुणवत्तापरक कोचिंग देने, स्वास्थ्य बीमा, सामुदायिक स्तर पर जीविका पहलों की सुविधा और आवास निर्माण के लिये वित्तीय सहायता प्रदान करना प्रमुख है।
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