प्री-लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 30 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छः माही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी। वहीं लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आंकलित सिविल दायित्व की राशि पर 20 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर उपरोक्त अवस्था में भी 100 फीसदी छूट दी जाएगी।
लोक अदालत में छूट नियम एवं शर्तों के तहत दी जाएगी। आवेदक को निर्धारित छूट के उपरांत शेष बिल आंकलित सिविल दायित्व एवं ब्याज की राशि का एकमुश्त भुगतान करना होगा। साथ ही विचाराधीन प्रकरण वाले परिसर एवं अन्य परिसरों पर उसके नाम पर किसी अन्य देयकों की बकाया राशि का भी पूर्ण भुगतान करना होगा। यदि आवेदक के नाम पर कोई वैध कनेक्शन नहीं है तो उसे वैध कनेक्शन प्राप्त करना होगा, वहीं पूर्व में विच्छेदित कनेक्शनों के विरूद्ध बकाया राशि (यदि कोई हो) तो पूर्ण भुगतान करना अनिवार्य होगा।
कंपनी ने कहा है कि नेशनल लोक अदालत में छूट आवेदक द्वारा विद्युत चोरी, अनधिकृत उपयोग पहली बार किये जाने की स्थिति में ही दी जाएगी। पहले से अदालतों में छूट प्राप्त उपभोक्ताओं को इसमें शामिल नहीं किया जाएगा। वहीं सामान्य बिजली बिलों में जुड़ी बकाया राशि पर कोई छूट नहीं दी जाएगी। कंपनी ने यह भी कहा कि 9 मार्च 2024 (शनिवार) को नेशनल लोक अदालत में 50 हजार रूपये तक के प्रकरणों पर ही छूट दी जाएगी।
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