Shivpuri news >विकास की ये कैसी तस्वीर-बच्चों की पढ़ाई में रोड़ा बनी सड़क
>कंधों पर स्कूली बैग हाथ में चप्पलें लेकर कीचड़ से सने रास्ते से गुजरने को मजबूर बच्चे
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ANTICORRUPTION-NEWS |
शिवपुरी जिले की पिछोर जनपद के पिपारा पंचायत से जिला पंचायत के विकास कार्यों की पोल खोलती तस्वीरें सामने आई हैं। यहां बारिश के मौसम में ग्रामीणों के साथ स्कूली बच्चों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। दरअसल इस गांव में एक आम रास्ता हैं। जो मुख्य मार्ग को जोड़ता हैं। हर रोज इसी मार्ग से ग्रामीण आवागवन करते हैं। इसके बावजूद इस मार्ग पर सड़क निर्माण कार्य नहीं कराया गया हैं। इस मामले में सरपंच-सचिव विवाद का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ चुके हैं। ग्रामीणों को उनके उसी हाल में छोड़ रखा हैं।
बच्चों के स्कूल की राह नहीं आसान -
जानकारी के मुताबिक़ जिला पंचायत शिवपुरी और पिछोर विधानसभा में विकास की जो तस्वीरें हैं वह पिपारा पंचायत के मुख्य गांव पिपारा की हैं। यहां बच्चों को इसी तरह हर रोज बच्चों को स्कूल जाने के लिए कीचड़ के रास्ते से होकर गुजरना पड़ता हैं। कंधो पर स्कूली बैग और हाथ में जूते-चप्पल लेकर हर रोज करीब 100 मीटर से अधिक कीचड़ से भरे रास्ते से बच्चों को गुजरना पड़ता हैं। इतना ही नहीं जो स्कूली बच्चे बहुत छोटे होते हैं। उन्हें परिजन अपने कंधों पर बैठाकर स्कूल छोड़ने जाते हैं। ग्रामीण बताते हैं कि वर्षों से इसी तरह से नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं।
प्रसूता और मरीजों को भी परेशानी, ग्रामीणों ने लगाए सरपंच-सचिव पर अनसुनवाई के आरोप -
ग्रामीण बताते हैं कि वर्षों से इसी तरह से नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं। कंधे पर बैठाकर अपने नाती को स्कूल छोड़ने जाते वक्त बद्री पाल ने बताया कि सालों से खराब पड़ी सड़क को नहीं बनाया गया हैं। बच्चों की पढ़ाई में सड़क रोड़ा बनी हुई हैं। इसी के चलते उन्हें हर रोज बच्चों को स्कूल छोड़ने और लेने जाना पड़ता हैं। इधर समय देने के चलते उनकी खेती-किसानी के कार्य भी प्रभावित होते हैं। ग्रामीण फूलसिंह बताते हैं कि सड़क निर्माण कराने की कई शिकायत सरपंच-सचिव से कर चुके हैं। लेकिन सड़क निर्माण का पैसा न आने की बात कहकर टाल दिया जाता हैं।
ग्रामीण रामलखन लोधी ने सरपंच पर आरोप लगाते हुए बताया कि कुछ ग्रामीणों के कहने पर सरपंच गांव के इस मार्ग को बनने नहीं दे रहा हैं। जिससे हर रोज ग्रामीणों सहित बच्चों के परेशान होना पढ़ रहा हैं। इस सड़क के दूसरे हिस्से में करीब 25 परिवार निवास करते हैं। ऐसे में अगर किसी प्रसूता को डिलीवरी के लिए लेजाने में बड़ी कठनाइयों को सामना करना पड़ता हैं साथ ही बीमार मरीजों को लाने ले जाने में परेशानी होती हैं।
सरपंच-सचिव ने झाड़ा पल्ला -
सड़क निर्माण न कराये जाने पर सरपंच धनिया जाटव और सचिव वीरेंद्र पटेल से बात की गई। सरपंच सचिव ने विवाद का हवाला देकर पल्ला झाड़ लिया। सरपंच का कहना था कि इस मार्ग पर कुछ परिवार सड़क निर्माण पर विवाद करते हैं। इसके चलते सड़क निर्माण का कार्य नहीं हो सका है। वहीँ सचिव वीरेंद्र पटेल ने बताया कि पांच साल से इस मार्ग पर शेड्यूल संपर्क सड़क स्वीकृत हैं साथ ही अब नाली भी स्वीकृत हो गई हैं। लेकिन कुछ परिवार सड़क अपने हिसाब से डाले जाने की मांग करते हैं। इस कारण से सड़क निर्माण का कार्य नहीं हो सका हैं।
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