शिवपुरी शनिवार दशहरे की रात बैष्णों देवी दरवार की प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए ले जाया गया। मां की मूर्तियों के विसर्जन के लिए भव्य विमान तैयारी किये गए थे। साथ डीजे, बैंड और ढोल के साथ आतिशबाजी कर मां वैष्णों के दरवार में बिराजी माता की प्रतिमाओं और भैरों बाबा की प्रतिमा को विसर्जन के लिए ले जाया गया था। माता के विसर्जन सैकड़ों लोग शामिल हुए हैं।
कटरा वैष्णों देवी की तर्ज पर 31 साल से लगती आ रही हैं झांकी -
1993 में मां कटरा वैष्णों देवी की तर्ज पर शिवपुरी शहर में हुई थी। यहां वैष्णों देवी की तर्ज पर त्रिकुटा पर्वत का रूप प्रदान देकर गुफाये बनाई जाती रहीं हैं। इसके साथ शेलपुत्री पुत्री और भैरों बाबा की झांकी भी तैयार की जाती हैं। मां वैष्णों देवी दरवार की ऊंचाई 220 फ़ीट तक रहती हैं। इस दरवार में दर्शन के लिए प्रवेश करने के बाद दर्शनार्थी को 15 से 20 मिनिट तक का समय लगता हैं। नवरात्रा में इस झांकी को देखने शहर सहित दूर दूर से लोग आते हैं।
शहर के भिविन्न मार्गों से निकाली झांकिया, महाराष्ट्र के ढोल भी रहे आकर्षण का केंद्र -
माता वैष्णों देवी दरवार की झांकिया और विमान की शुरुवार शनिवार की देर शाम हुई। इस बार समिति ने डीजे-बैंड के साथ महाराष्ट्र के ढोल बुलाये थे। जो अपनी अलग ही धुन के चलते आकर्षण का केंद्र रहे। यह झांकिया हनुमान मंदिर, गांधी चौक, न्यूब्लॉक, आर्यसमाज रोड, कस्टम गेट, सदर बाजार होते हुए माधव चौक पहुंची। यहां से प्रतिमाओं को विसर्जन के लिए अमोला पुल ले जाया गया।
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