नरवर क्षेत्र में मुरम का अवैध उत्खनन लगातार चर्चा का विषय बना हुआ है। गुरुवार को नरवर-करेरा रोड पर बालकदास आश्रम के पास फॉरेस्ट क्षेत्र की पहाड़ियों पर मुरम का अवैध उत्खनन होते देखा गया। घटना के दौरान पत्रकारों की सूचना पर मौके पर पहुंचे फॉरेस्ट गार्ड कपिल शर्मा ने माफियाओं को रंगे हाथ पकड़ने का प्रयास किया, लेकिन टैक्टर चालक धनमंत कुशवाह मुरम खाली कर ट्रैक्टर लेकर फरार हो गया।
भागने के दौरान धमकी और अभद्रता
घटनास्थल पर मौजूद पत्रकारों ने बताया कि ट्रैक्टर चालक ने न केवल गार्ड कपिल शर्मा और पत्रकारों को धमकी दी, बल्कि अभद्र भाषा का भी इस्तेमाल किया। चालक ने मौके से तेज रफ्तार में ट्रैक्टर भगाकर गार्ड और अन्य लोगों को अपनी जान बचाने पर मजबूर कर दिया।
वन विभाग पर सवालिया निशान
इस घटना ने वन विभाग की कार्यशैली और उनके अधिकारियों की निष्क्रियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि क्षेत्र में मुरम का अवैध उत्खनन आम हो गया है। वन विभाग की टीम इन घटनाओं पर कोई ठोस कार्रवाई करने में असमर्थ नजर आ रही है।
डिप्टी रेंजर पर आरोप
डिप्टी रेंजर कमल किशोर शर्मा और उनकी टीम की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। स्थानीय लोगों और पत्रकारों का मानना है कि माफियाओं के बढ़ते हौसले वन विभाग की कथित मिलीभगत का नतीजा हो सकते हैं।
कार्रवाई का अभाव
सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ट्रैक्टर चालक धनमंत कुशवाह के खिलाफ अब तक कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की गई है। यह वन विभाग और माफियाओं के बीच आपसी सांठगांठ की ओर इशारा करता है।
स्थानीय जनता की मांग
क्षेत्र की जनता और जागरूक नागरिकों ने इस मामले में उच्चस्तरीय जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है। अवैध उत्खनन के खिलाफ सख्ती से कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, ताकि माफियाओं के हौसले पस्त हों और वन क्षेत्र को बचाया जा सके।
अवैध मुरम उत्खनन पर कार्यवाही न होना न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है, बल्कि वन विभाग की छवि को भी धूमिल कर रहा है। अब देखना होगा कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।
0 टिप्पणियाँ