शिवपुरी जिले की आदिवासी बस्तियों में रात्रि चौपाल लगाया गयाः बच्चों की शिक्षा के लिए जागरूक किया, रोजाना स्कूल भेजने की शपथ दिलाई
शिवपुरी जिले की सेंवड़ा और कलोथरा आदिवासी बस्ती में शुक्रवार को रात्रि चौपाल लगाया गया। इस दौरान जिलाधिकारी (डीपीसी) दफेदार सिंह सिकरवार ने अपनी टीम और परहित संस्था के सदस्यों के साथ ग्रामीण आदिवासियों को बच्चों की शिक्षा के लिए जागरूक किया।
वहीं, बच्चों के रोजाना स्कूल जाने के लाभ भी बताए। इसके साथ कलोथरा की सरपंच रामश्री आदिवासी ने सभी अभिभावकों को शपथ बच्चों को रोजाना स्कूल भेजने की शपथ भी दिलवाई। इस दौरान चौपाल में करीब 300 महिलाएं और पुरुष शामिल हुए। इस दौरान कार्यक्रम में परहित संस्था के मनोज भदौरिया सहित शकीर अहमद खान, दयाराम जाटव, सुनील वर्मा, भरत धाकड़, नरेन्द्र धाकड़, गोपाल श्रीवास्तव भरत पाल, संस्थाराम वर्मा, सुनील शर्मा, बहादुर सिंह आदि मौजूद रहे।
अभिभावक बच्चों के घरों से बुलाने पर भी नहीं भेजते स्कूल
इस दौरान परहित संस्था के राघवेन्द्र सिंह ने कहा कि संस्था के सदस्य और शिक्षक बच्चों को घर-घर बुलाने जाते हैं। बावजूद इसके कई अभिभावक उन्हें स्कूल नहीं भेजते जिससे वे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।
स्थानीय भाषा शिक्षा में शिक्षा के महत्व को बताया डीपीसी ने ग्रामीणों को स्थानीय भाषा में शिक्षा के लिए जागरूक किया। साथ ही उन्होंने अभिभावकों से बच्चों को घर में पढ़ने और होमवर्क करने के लिए प्रेरित करने को कहा।
बताया गया की बच्चों से जुड़ी शिकायतों को तुरंत समाधान होगा ।
इस दौरान डीपीसी सिकरवार ने स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों से जुड़ी शिकायतों का तुरंत समाधान करने का आश्वासन दिया। वहीं, उन्होंने सरकारी स्कूल में भेजने वाले बच्चों को मिलने वाली योजनाओं के बारे में भी ग्रामीणों को जानकारी दी।
शिक्षक संघ की बैठक में बच्चों से संबंधित समस्याओं की चर्चा होगी
ब्लॉक ऑफिसर बालकृष्ण ओझा ने ग्रामीण अभिभावकों को हर महीने के पहले शनिवार को पालक शिक्षक संघ की बैठक शामिल होने को प्रेरित किया। ताकि अभिभावक बच्चों से संबंधित समस्याओं के समाधान को लेकर चर्चा हो सके।
शिक्षा से अमीर और गरीब दोनों को बराबर लाभ
एफएलएन प्रभारी रितिका ने कहा कि शिक्षा से अमीर और गरीब दोनों को ही बराबर लाभ मिलता है। उन्होंने कहा कि यह नहीं सोचना चाहिए कि हम गरीब हैं तो पढ़-लिखकर क्या करेंगे।
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