मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह ने एक शिगूफा छोड़ दिया है
। उन्होंने कहा है कि मध्यप्रदेश में बिना जाँच किये एस सी एसटी एक्ट के अधीन कोई गिरफ्तारी नहीं होगी tv । इस कथन के बाद बहस छिड़ गई है । कुछ लोग कह रहे हैं कि ऐसा कह कर मुख्यमंत्री ने एस सी एसटी एक्ट के विरुद्ध चल रहे आंदोलन की हवा निकाल दी है । कुछ कह रहे हैँ कि मुख्यमंत्री ने लॉलीपॉप पकड़ा दिया है ।
। कानूनी स्थिति यह है कि जो विषय संविधान की समवर्ती सूची में हैं , उनसे संबंधित किसी केंद्रीय कानून में राज्य संशोधन कर सकता है किन्तु इस पर राष्ट्रपति का अनुमोदन आवश्यक होगा । मुझे नहीं लगता कि शिवराजसिंह में या भाजपा के किसी मुख्यमंत्री में इतना साहस है वे मोदी सरकार द्वारा बनाये गए कानून में संशोधन की बात सोचें , संशोधन करना तो दूर की बात है । जब कानून में संशोधन नहीं होगा तो मुख्यमंत्री यह प्रशासनिक आदेश दे सकते हैं कि इस एक्ट के तहत कार्यवाही करते समय बिना किसी जाँच के कोई गिरफ्तारी नहीं करें । पुलिस इस प्रशासनिक आदेश का पालन भी करेगी किन्तु अगर अनुसूचित जाति या जनजाति का कोई व्यक्ति सीधे न्यायालय में आवेदन प्रस्तुत करता है तो न्यायालय कानून के अनुसार बिना जाँच के आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायालय में प्रस्तुत करने का आदेश देगा । तब राज्य शासन का यह आदेश काम नहीं आयेगा , न्यायालय का आदेश पुलिस के लिए बंधनकारी है ।तब आरोपी की गिरफ्तारी मुख्यमंत्री नहीं रोक पायेंगे । मोदी सरकार ने उच्चतम न्यायालय के निर्णय के विपरीत कानून बनाकर अपनी पार्टी को मुसीबत में डाल दिया है , केन्द्र या कोई राज्य सरकार कुछ भी कदम उठाए , एक पक्ष की नाराजगी तो उसे झेलनी पड़ेगी । जय हिन्द ।
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