
New Delhi: भारतीय अंतरिक्ष एंजेसी ISRO द्वारा बनाए गए देश के सबसे भारी सैटलाइट जीसैट-11 की लॅान्चिंग की तैयारी अब अपने आखिरी चरण में पहुंच चुका है। इस सैटलाइट को यूरोप के एरियन-5 राॅकेट के जरिए 5 दिसंबर को फ्रेंच गयाना से प्रक्षेपण किया जाएगा। इसको लेकर ISRO ने जानकारी देते हुए कहा कि जीसैट-11 का वजन करीब 5854 किलोग्राम है और इस सैटेलाइट की मदद से देशभर में ब्रॅाडबैंड सेवाएं उपलब्ध होंगी। साथ ही इंटरनेट की स्पीड में भी इजाफा होगा।
ISRO ने अपने बयान में यह भी बताया कि जीसैट-11 अब तक का सबसे अधिक वजन वाला उपग्रह होगा और इसका जीवनकाल 15 साल से अधिक रहेगा। बता दें, पहले इस सैटेलाइट को इसरो 15 मई को लांन्च करने वाली थी, लेकिन इसमें अतिरिक्त तकनीकि जोड़ने की वजह से इसका प्रक्षेपण 5 दिसंबर को किया जाएगा।
मालूम हो कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने हाल ही में भारत की पहली हाइपर स्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट लॉन्च की थी। इसरो ने ‘पोलर सैटेलाइट लॉन्च वीइकल‘ PSLV सी 43 की मदद से हाइपरस्पेक्ट्रल इमेजिंग सैटेलाइट और 8 देशों के 30 अन्य सैटेलाइट छोड़े, इनमें से 23 सैटेलाइट अमेरिका के हैं और बाकि निदरलैंड, स्पेन, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, कोलंबिया, फिनलैंड और मलेशिया की है।
आपको बता दें कि 30 सैटेलाइन का वजन 261.5 किलोग्राम हैं। जानकारी के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सुबह 9.58 पर यह सैटेलाइट लॉन्च की गई। पीएसएलवी की ये 45वीं यात्रा हैं। ये इसरो का तीसरा सबसे बड़ा मिशन हैं। इससे पहले इस महीने ही 14 नबंर को एजेंसी ने अपना हालिया संचार सैटेलाइन जीसैट- 29 छोड़ा था।सैटेलाइट को लेकर काम करे रहे इसरो के अधिकारी ने बताया कि ये सैटेलाइट डिफेंस, जमीन और खनिज पदार्थ की खोज जैसे कई तरह के कामों के लिए इस्तेमाल की जाएंगी। अधिकारी ने बताया कि इस सैटेलाइट का मुख्स काम पृथ्वी को साफ तौर पर दिखाना हैं।
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