स्लग- खरीद घोटाला 20.12.18
टॉप बैंड
समर्थन मूल्य खरीदी पर खरीदा जा रहा है व्यपारियों का माल ।
शासन को लगाया जा रहा है चूना ।
समिति प्रबंधक व गोदाम मालिक द्वारा खुद का उड़द बेचा जा रहा है ।
किसानों की फसल को अमानक बताकर लौटाया जा रहा है
एंकर- मध्यप्रदेश शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर खरीदी की जा रही है । लेकिन शासन की मंशा के अनुरूप काम न होते हुए समिति प्रबंधक व गोदाम मालिक द्वारा खुद का माल खपाया जा रहा है । समिति प्रबंधक व गोदाम मालिकों द्वारा किसानों की आड़ लेकर सरकार को लूटा जा रहा है । हम बात कर रहे है शिवपुरी की कोलारस तहसील की जहाँ पर श्री जी वेयर हाउस पर समर्थन मूल्य मि खरीदी चल रही है । जिसमे किसानों के माल को अमानक बताकर वापिस किया जा रहा है । बताया जा रहा है कि यह खेल बीते कई दिनों से चल रहा है जहाँ किसानों के नाम पर समिति प्रबंधक व गोदाम मालिक सांठ गांठ करते हुए किसानों के नाम पर व्यपारियों के पुराने और अमानक माल को ठिकाने लगा रहे है । यह पूरा माजरा सुनियोजित तरीके से रचा जा रहा है ।
व्ही ओ 1. आप देख सकते है कि किस तरीके से पहले एक गोदाम में रखे हुए माल(उडद) को पहले व्यापारी बीच मैदान में लाकर पूरे माल का पाला करते है । फिर उस माल को शासन द्वारा दिये गए वारदाने में भरकर दूसरे गोदाम में माल भेजा जा रहा है । इस गोदाम को स्टेट वेयर हाउस (swc) ने गोदाम मालिक से किराए पर लिया है । जिसमे शासन द्वारा खरीदे गए माल को रखा जाता है । पहले गोदाम में जो माल रखा है वह व्यापारी (गोदाम मालिक) का प्राइवेट वेयर हाउस है । जहाँ पर उसने पहले से उडद खरीद कर रखा है । और उसी माल को शासन को बेचकर ठिकाने लगा रहा है । तस्वीरों में यह स्पष्ट रूप से दिख रहा है ।
व्ही ओ 2- अब इस उडद को किस तरह तोला जा रहा है वह भी देखिए । शासन द्वारा जो उडद किसानों से लिया जा रहा है उसमें वरदाने का वजन मिलाकर 50.800 किलो वजन लेना है । जबकि यह व्यापारी शासन को चूना लगाते हुए बोरी की भरती 47 क्विंटल की कर रहा है । एक तो शासन को सड़ा घुना माल खपाया जा रहा है वही शासन को वजन में भी चूना लगाया जा रहा है ।
व्ही ओ 3- अब आपको बताते है कि किस तरह समिति प्रबंधक व गोदाम मालिक शासन को चूना लगाते है । समर्थन मूल्य पर उडद का दम 5600 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि व्यापारी के पास 1800 से 2200 रुपये में उपलब्ध है । जबकि समिति प्रबंधक व सर्वेयर का प्रति क्विंटल के हिसाब से 500 -500 रुपये क्विंटल दिया जाता है । व कुछ बटौना उच्च अधिकारियों को भी जाता है । जिससे कोई भी अधिकारी कार्यवाही न करें ।
व्ही ओ 4- जब किसानों से जाकर बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे माल को अमानक बताकर रिजेक्ट कर दिया है । और यदि कुछ रकम दे दी जाय तो हमारा माल पास हो जाता है । हम दो से तीन दिन यहाँ पर खड़ा रहना पड़ता है
बाइट 1- गोलू रघुवंशी (किसान)
बाइट 2- किसान
व्ही ओ 5- जब इस पूरे घोटाले की जानकारी स्टेट वेयर हाउस के गोदाम प्रभारी को दी तो उन्होंने कहा कि हमारा काम तो गोदाम मालिक से गोदाम किराए पर लेना है बाकी सभी कामों के लिए समिति प्रबधक , सर्वेयर व गोदाम मालिक की है ।
बाइट 3- कमल किशोर बाँधील (swc गोदाम प्रभारी)
व्ही ओ 6- जब इस पूरे मामले की जानकारी जिला विपणन अधिकारी को दी । तो उन्होंने इस मामले की जांच कराने की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया । सारे सबूत देखने के बाद भी जांच की बात कहकर उन्होंने सिद्ध कर दिया कि जांच किस तरह से होगी ।
बाइट 4- ऋत्विक टेमरे(जिला विपणन अधिकारी)
व्ही ओ 7- जब कोलारस अनुविभागीय अधिकारी को इस मामले में हस्तक्षेप करने को कहा तो उन्होंने भी जांच की बात कहकर मामले को चलता किया
बाइट 5- आशीष तिवारी(sdm कोलारस)
व्ही ओ - 8 यह कहना कोई अतिशयोक्ति नही होगी कि व्यपारियों के साथ सभी मिले हुए है और शासन को सड़ा घुना माल खपाया जा रहा है । यदि शासन निष्पक्ष रूप से इस पूरे मामले की तह तक जाये तो करोड़ो रूपये का घोटाला सामने आ जायेगा । सरकारी गोदामो में व्यपारियों का अमानक स्तर का माल रखा हुआ है । जब जिला कलेक्टर से इस बारे में बात कि तो उन्होंने तो स्पष्ट रूप से कह दिया कि आपके सबूतों की पहले जांच कराई जाएगी उसके बाद खरीदी की जांच कराई जाएगी । अब ये समझ मे नही आ रहा कि प्रशासन के पास सारे सबूत होते हुए भी जांच क्यों नही हो पा रही ।
कुल मिलाकर 5 बाइट व 8 विज़ुअल ftp पर खरीद घोटाला 20.12.18 के नाम से है
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