शिवपुरी जिले में सोसायटी खरीदी केंद्र पर भ्रष्टाचार चरम कगार पर जिले के किसान प्रशासन बा शासन की मुंह की तरफ ताकते किसान सोच रहे हैं कि अब तो भ्रष्टाचार बंद हो जाएगा शिवपुरी केंद्र के सभी खरीदी केंद्रों पर लगभग भ्रष्टाचार हैं शासन की तरफ आस लगाते किसान
हर खरीदी केंद्र पर 1000 ऊपर से लेकर ₹10000 तक किसानों से वसूला जा रहा है पैसा नहीं देने पर फसल को रिजेक्ट कर देते हैं जब दोबारा में किसान हाथ पैर जोड़ते हैं तो उनसे पैसे की डिमांड रखी जाती है पैसा लेने के बाद वही फसल ले ली जाती है प्रिंट समाचार पत्र व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया इस खबर से अनभिज्ञ है शायद शिवपुरी जिले के किसान आशा करते हैं कि मीडिया शासन की कानों में इस संदेश को पहुंचाएगी और किसानों को राहत मिलेगी हमारा
सहारा तो सिर्फ ईश्वर ही है
जिले के किसान इन विभागों से है ज्यादा परेशान
जैसे कि आपको पता होगा
1 किसी भी बैंक द्वारा केसीसी बनवाने पर 10% देना अनिवार्य है ऐसा बैंकों का नियम बना रखा है
2 बिजली विभाग में लाइनमैन से लेकर अन्य बिजली कर्मचारी भी किसानों को अछूता नहीं छोड़ते हैं
3 जिले में अति दुखदाई है तो पटवारी वह शासकीय जमीन पर हो रहे कब्जे की रिपोर्ट अधिकारियों को नहीं देते और मिलीभगत होने के कारण कब्जा स्वयं पटवारी ही करवाते हैं
सन 2003 में शासकीय जमीन जिले में लगभग कितनी थी धरातल पर और आज दिनांक में देखने को आपको एक बटे चार हिस्सा गायब मिलेगा
जमीनों के सिलसिले में रजिस्टर ऑफिस भी पीछे नहीं
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