अगर आप अपने ज्यादा बिजली के बिल से परेशान हैं तो ये खबर आपके लिए है. अब जल्द ही आपके घर बिजली का बिल नहीं आएगा और इसकी शुरुआत अगले साल यानि अप्रैल 2019 से होगी. मोदी सरकार ने सभी लोगों को राहत देने वाला फैसला लेते हुए स बिजली मंत्रालय ने फैसला किया है कि अगले तीन सालों में वो देशभर में बिजली के सभी मीटरों को स्मार्ट प्रीपेड में बदलेगी. बिजली मंत्रालय के इस फैसले का मकसद बिजली के ट्रांसमिशन व डिस्ट्रीब्यूशन में होने वाले नुकसान में कमी लाना है. साथ ही इससे वितरण कंपनियों की स्थिति बेहतर होगी और ऊर्जा संरक्षण को प्रोत्साहन मिलेगा. कागजी बिल की व्यवस्था खत्म होने के साथ बिल भुगतान में भी आसानी होगी.
सरकार के मुताबिक, स्मार्ट मीटर गरीबों के हित में है क्योंकि ग्राहकों को पूरे महीने का बिल एक बार में देने की जरूरत नहीं होगी. इसके बजाए वे अपनी जरूरतों के अनुसार बिल का भुगतान कर सकते हैं. इतना ही नहीं बड़े पैमाने पर स्मार्ट प्रीपेड मीटर के विनिर्माण से युवाओं के लिए रोजगार भी पैदा होंगे.
आपको बता दें राज्य सरकारों ने सभी के लिए बिजली दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए हैं और अपने ग्राहकों को सातों दिन 24 घंटे बिजली देने पर सहमति जताई थी. इसके तहत वितरण लाइसेंस में एक अप्रैल 2019 या उससे पहले से ग्राहकों को सातों दिन 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने का प्रावधान होगा.
स्मार्ट मीटर ऐसे करेगा काम
सभी स्मार्ट मीटर को बिजली निगम में बने कंट्रोल रूम से जोड़ा जाएगा. कर्मचारी स्काडा सॉफ्टवेयर के जरिए कंट्रोल रूम से ही मीटर रीडिंग नोट कर सकेंगे. इसके साथ ही अगर कोई मीटर के साथ छेड़छाड़ करता है तो उसका संकेत कंट्रोल रूम में मिलेगा. अगर कोई उपभोक्ता समय पर बिजली बिल नहीं भरता, तो कंट्रोल रूम से ही उसका मीटर कनेक्शन भी काटा जा सकेगा. इसके लिए उपभोक्ताओं के घर के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे.
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NEWS18HINDI |DECEMBER 25, 2018, 12:04 PM IST
ऑस्ट्रेलियन कंपनी भारत में करेगी 600 करोड़ का निवेश, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
विदेशी कंपनी आईटी अलायंस ऑस्ट्रेलिया (आईटीएए) ने फॉरेन डॉयरेक्ट इनवेस्टमेंट (एफडीआई) और सीएसआर के तहत भारत में अगले 7 साल में 600 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है. कंपनी के सीईओ रतेश गुम्बर और सीओओ प्रवीण कुमार ने इसकी घोषणा की.आईटी अलायंस ऑस्ट्रेलिया की सलाहकार और नियोक्ता कंपनी है, जो बड़े पैमाने पर भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजिलैंड में प्राइवेट और सरकारी संस्थानों को आईटी प्रोफेशनल के साथ-साथ कंसल्टेंसी और सलाह दे रही है. इसके अलावा दुनिया भर के 500 कंपनियों की रणनीतिक साझेदार के तौर पर काम करती है.
कंपनी की ओर से किए गए कार्यक्रम में सांसद राम शंकर कठेरिया, सांसद परवेश साहिब सिंह वर्मा, करुणा सागर, विधायक मजिंद्र सिंह सिरहसा सहित कई अन्य लोगों ने संबोधित किया.
आईटी अलायंस ऑस्ट्रेलिया, इंडिया, न्यूजिलैंड और यूएसए के बाद अब 2022 तक अपना कारोबार सिंगापुर और जापान और 2024 तक यूरोप में फैलाने का लक्ष्य लेकर काम कर रही है. कंपनी का कहना है कि अन्य देशों में बिजनेस के विस्तार में भी भारत की अहम भूमिका रहेगी




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