म.प्र. बाल अधिकार संरक्षण आयोग के अध्यक्ष डॉ. राघवेन्द्र शर्मा एवं सदस्य श्री बृजेश चौहान ने जिला पंचायत कार्यालय पोहरी रोड़ के सभाकक्ष में आयोजित विशेष बेंच में शिवपुरी, गुना एवं अशोकनगर से संबंधित लंबित 22 प्रकरणों में से 19 प्रकरणों में सुनवाई कर कार्यवाही की गई। इस मौके पर संबंधित जिलों के विभिन्न विभागों के अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।
डॉ.राघवेन्द्र शर्मा ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आयोग से प्राप्त होने वाली शिकायतों को अधिकारीगण पूरी गंभीरता के साथ लें और सकारात्मक रूख अपनाते हुए उनके निराकरण की कार्यवाही कर समय-सीमा में जवाब दें। उन्होंने जिला अधिकारियों को अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ स्वयं भी प्राप्त होने वाले प्रकरणों का परीक्षण करें। परीक्षण उपरांत ही जवाब दें। उन्होंने श्रम विभाग की शिकायत पर सुनवाई करते हुए कहा कि श्रम विभाग एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी आपसी समन्वय बनाकर यह देखे कि श्रम विद्यालयों में पंजीकृत छात्र शिक्षा विभाग के स्कूलों में तो दर्ज नहीं है। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि जिले में कई स्थान ऐसे है, जहां नदी-नालों के कारण वर्षा ऋतु में बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए संबंधित विभाग आवश्यक कार्यवाही करें। जिससे वर्षा ऋतु में बच्चों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। आयोग के अध्यक्ष ने अशोकनगर जिले के बाल विवाह की शिकायत के संबंध में महिला बाल विकास अधिकारी अशोकनगर को स्वयं निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।
बाल आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य ने अधिकारियों आदि के साथ जिला मुख्यालय पर स्थित सेंट चार्ल्स स्कूल का भी निरीक्षण कर संस्था के प्राचार्य को स्कूल में जिले के महत्वपूर्ण प्रशासनिक अधिकारियों के दूरभाष नम्बर और राष्ट्रपिता, राष्ट्रपति, संविधान निर्माता आदि महापुरूषों के छायाचित्र भी लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्कूल की बसों के चालक एवं परिचालकों का पुलिस बेरिफिकेशन, सीसीटीव्ही कैमरे एवं जीपीएस लगाने के साथ विद्यालय में सुझाव एवं शिकायत पुस्तिका रखने के भी निर्देश दिए। इस दौरान डिप्टी कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी श्री आर.बी.सिंडोस्कर, जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री ब्रम्हदेव गुप्ता, महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री ओ.पी.पाण्डे आदि उपस्थित थे।
डॉ.राघवेन्द्र शर्मा ने उपस्थित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि आयोग से प्राप्त होने वाली शिकायतों को अधिकारीगण पूरी गंभीरता के साथ लें और सकारात्मक रूख अपनाते हुए उनके निराकरण की कार्यवाही कर समय-सीमा में जवाब दें। उन्होंने जिला अधिकारियों को अपने अधीनस्थ अधिकारियों के साथ स्वयं भी प्राप्त होने वाले प्रकरणों का परीक्षण करें। परीक्षण उपरांत ही जवाब दें। उन्होंने श्रम विभाग की शिकायत पर सुनवाई करते हुए कहा कि श्रम विभाग एवं शिक्षा विभाग के अधिकारी आपसी समन्वय बनाकर यह देखे कि श्रम विद्यालयों में पंजीकृत छात्र शिक्षा विभाग के स्कूलों में तो दर्ज नहीं है। उन्होंने संबंधित विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि जिले में कई स्थान ऐसे है, जहां नदी-नालों के कारण वर्षा ऋतु में बच्चों को स्कूल जाने में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके लिए संबंधित विभाग आवश्यक कार्यवाही करें। जिससे वर्षा ऋतु में बच्चों को किसी प्रकार की परेशानी न हो। आयोग के अध्यक्ष ने अशोकनगर जिले के बाल विवाह की शिकायत के संबंध में महिला बाल विकास अधिकारी अशोकनगर को स्वयं निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए।
बाल आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्य ने अधिकारियों आदि के साथ जिला मुख्यालय पर स्थित सेंट चार्ल्स स्कूल का भी निरीक्षण कर संस्था के प्राचार्य को स्कूल में जिले के महत्वपूर्ण प्रशासनिक अधिकारियों के दूरभाष नम्बर और राष्ट्रपिता, राष्ट्रपति, संविधान निर्माता आदि महापुरूषों के छायाचित्र भी लगाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्कूल की बसों के चालक एवं परिचालकों का पुलिस बेरिफिकेशन, सीसीटीव्ही कैमरे एवं जीपीएस लगाने के साथ विद्यालय में सुझाव एवं शिकायत पुस्तिका रखने के भी निर्देश दिए। इस दौरान डिप्टी कलेक्टर एवं जिला शिक्षा अधिकारी श्री आर.बी.सिंडोस्कर, जिला पंचायत के अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री ब्रम्हदेव गुप्ता, महिला एवं बाल विकास अधिकारी श्री ओ.पी.पाण्डे आदि उपस्थित थे।

0 टिप्पणियाँ