राज्य सरकार ने फसल ऋण माफी का वचन पूरा कर निभाया वादा
भोपाल : सोमवार, जनवरी 7, 2019, 20:55 IST
राज्य सरकार ने फसल ऋणमाफी योजना को लागू करने के वचन को पूरा कर किसानों से किये वादे को निभाया है। मंत्रि-परिषद द्वारा योजना स्वीकृत होने के बाद आज किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। योजनांतर्गत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर सिस्टम से राज्य के कोष से राशि पात्र किसान के फसल ऋण खाते में जमा कराई जाएगी। योजनांतर्गत सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा राष्ट्रीयकृत बैंक से फसल ऋण लेने वाले किसानों को अधिकतम 2 लाख रुपये की सीमा तक पात्रतानुसार लाभ दिया जाएगा।
फसल ऋण माफी की पात्रता का आधार
वे सभी किसान, जो 31 मार्च, 2018 की स्थिति में नियमित ऋण खाते में ऋण प्रदाता संस्था द्वारा प्रदाय फसल ऋण की बकाया राशि के रूप में दर्ज हैं तथा जिन किसानों पर 31 मार्च, 2018 में रेग्युलर आउटस्टेंडिंग लोन था और 12 दिसम्बर, 2018 तक जिन्होंने पूर्णत: अथवा आंशिक रूप से लोन चुका दिया है, उन्हें भी योजना का लाभ दिया जाएगा।
योजनांतर्गत भारतीय रिजर्व बैंक/नाबार्ड द्वारा परिभाषित फसल की पैदावार के लिये ऋण प्रदाता संस्थाओं द्वारा प्रदत्त अल्पकालीन फसल ऋण एक अप्रैल, 2007 को अथवा उसके बाद जो ऋण प्रदाता संस्था से लिया गया, फसल ऋण जो 31 मार्च, 2018 की स्थिति में सहकारी बैंकों के लिये कालातीत अथवा अन्य ऋण प्रदाता बैंकों के लिये नॉन परफार्मिंग एसेट (NPA) घोषित किया गया हो, जिन किसानों ने 31 मार्च, 2018 की स्थिति में एन.पी.ए. अथवा कालातीत घोषित फसल ऋण 12 दिसम्बर, 2018 तक पूर्णत: अथवा आंशिक रूप से चुका दिया है, उन्हें भी योजना का लाभ दिया जाएगा।
मापदण्ड- मध्यप्रदेश में निवासरत किसान, जिनकी कृषि भूमि मध्यप्रदेश में स्थित हो तथा प्रदेश में स्थित ऋण प्रदाता संस्था की बैंक शाखा से अल्पकालीन फसल ऋण लिया हो अथवा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा प्रदत्त अल्पकालीन फसल ऋण लिया हो तथा ऐसे किसान जिनके फसल ऋण रिजर्व बैंक/नाबार्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्राकृतिक आपदा होने के कारण पुनर्रस्थापना कर दिये गये हों, योजना में पात्र होंगे।
अपात्रता की श्रेणी
योजना में वे कृषक शामिल नहीं होंगे, जिन्होंने कम्पनियों या अन्य कॉर्पोरेट संस्थाओं द्वारा प्रत्याभूत ऋण, जो भले ही ऋण प्रदाता संस्थाओं द्वारा ही वितरित किया गया हों, किसानों के समूह द्वारा लिया गया फसल ऋण, फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी अथवा फार्मर प्रोड्यूसर संस्था (FPO) द्वारा लिया गया फसल ऋण तथा सोना गिरवी रख कर ऋण प्राप्त किया हों।
बैंकों का प्राथमिकता क्रम
लघु एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता देते हुए बैंकों का प्राथमिकता क्रम सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा राष्ट्रीयकृत बैंक होगा। योजना का लाभ लेने के लिये किसानों को फसल ऋण खातों में आधार नम्बर सीडिंग एवं अभिप्रमाणित कराया जाना आवश्यक होगा। जिन किसानों ने फसल ऋण खातों में आधार नम्बर सीडिंग नहीं है, उन्हें इस प्रयोजन हेतु एक अवसर प्रदान किया जाएगा।
योजना के लिए निरहर्ता/अपात्रता
सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगरपालिका/नगर पंचायत/नगर निगम के अध्यक्ष/महापौर, कृषि उपज मण्डी के अध्यक्ष, सहकारी बैकों के अध्यक्ष, केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा गठित निगम, मण्डल अथवा बोर्ड के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष, समस्त आयकर दाता, भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार के समस्त शासकीय अधिकारी/ कर्मचारी तथा इनके निगम/मण्डल/अर्धशासकीय संस्थाओं में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी, (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को छोड़कर), रुपये 15,000/- प्रतिमाह या उससे अधिक पेंशन प्राप्तकर्ता (भूतपूर्व सैनिकों को छोड़कर), जीएसटी (GST) में दिनांक 12 दिसम्बर, 2018 या उससे पूर्व पंजीकृत व्यक्ति/फर्म/फर्म के संचालक/फर्म के भागीदार योजनान्तर्गत अपात्र होंगे।
पात्र किसान द्वारा स्व-प्रमाणीकरण किया जाना योजना के लिये मान्य होगा। निरर्हता/अपात्रता की सूची में बदलाव या सुधार करने के लिए एवं ऋणमान के युक्तियुक्तकरण के लिए राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति अधिकृत रहेगी।
एमपी ऑनलाइन तैयार करेगा पोर्टल
इस योजना के क्रियान्वयन के लिए एम.पी. ऑनलाईन (MP-online) द्वारा पोर्टल तैयार किया जाएगा। पोर्टल प्रबन्धन का कार्य सक्षम तकनीकी संस्था के सहयोग से किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा किया जाएगा। जिला कलेक्टर के पर्यवेक्षण में जिले में स्थित समस्त राष्ट्रीकृत बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB), सहकारी बैंकों की फसल ऋण माफी के पोर्टल से उपरोक्त अवधि के Regular Outstanding loan तथा NPA/कालातीत लोन की आधारकार्ड सीडेड ऋण खातों की हरी सूचियाँ तथ
भोपाल : सोमवार, जनवरी 7, 2019, 20:55 IST
राज्य सरकार ने फसल ऋणमाफी योजना को लागू करने के वचन को पूरा कर किसानों से किये वादे को निभाया है। मंत्रि-परिषद द्वारा योजना स्वीकृत होने के बाद आज किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिये गये हैं। योजनांतर्गत डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर सिस्टम से राज्य के कोष से राशि पात्र किसान के फसल ऋण खाते में जमा कराई जाएगी। योजनांतर्गत सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा राष्ट्रीयकृत बैंक से फसल ऋण लेने वाले किसानों को अधिकतम 2 लाख रुपये की सीमा तक पात्रतानुसार लाभ दिया जाएगा।
फसल ऋण माफी की पात्रता का आधार
वे सभी किसान, जो 31 मार्च, 2018 की स्थिति में नियमित ऋण खाते में ऋण प्रदाता संस्था द्वारा प्रदाय फसल ऋण की बकाया राशि के रूप में दर्ज हैं तथा जिन किसानों पर 31 मार्च, 2018 में रेग्युलर आउटस्टेंडिंग लोन था और 12 दिसम्बर, 2018 तक जिन्होंने पूर्णत: अथवा आंशिक रूप से लोन चुका दिया है, उन्हें भी योजना का लाभ दिया जाएगा।
योजनांतर्गत भारतीय रिजर्व बैंक/नाबार्ड द्वारा परिभाषित फसल की पैदावार के लिये ऋण प्रदाता संस्थाओं द्वारा प्रदत्त अल्पकालीन फसल ऋण एक अप्रैल, 2007 को अथवा उसके बाद जो ऋण प्रदाता संस्था से लिया गया, फसल ऋण जो 31 मार्च, 2018 की स्थिति में सहकारी बैंकों के लिये कालातीत अथवा अन्य ऋण प्रदाता बैंकों के लिये नॉन परफार्मिंग एसेट (NPA) घोषित किया गया हो, जिन किसानों ने 31 मार्च, 2018 की स्थिति में एन.पी.ए. अथवा कालातीत घोषित फसल ऋण 12 दिसम्बर, 2018 तक पूर्णत: अथवा आंशिक रूप से चुका दिया है, उन्हें भी योजना का लाभ दिया जाएगा।
मापदण्ड- मध्यप्रदेश में निवासरत किसान, जिनकी कृषि भूमि मध्यप्रदेश में स्थित हो तथा प्रदेश में स्थित ऋण प्रदाता संस्था की बैंक शाखा से अल्पकालीन फसल ऋण लिया हो अथवा प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों द्वारा प्रदत्त अल्पकालीन फसल ऋण लिया हो तथा ऐसे किसान जिनके फसल ऋण रिजर्व बैंक/नाबार्ड के दिशा-निर्देशों के अनुसार प्राकृतिक आपदा होने के कारण पुनर्रस्थापना कर दिये गये हों, योजना में पात्र होंगे।
अपात्रता की श्रेणी
योजना में वे कृषक शामिल नहीं होंगे, जिन्होंने कम्पनियों या अन्य कॉर्पोरेट संस्थाओं द्वारा प्रत्याभूत ऋण, जो भले ही ऋण प्रदाता संस्थाओं द्वारा ही वितरित किया गया हों, किसानों के समूह द्वारा लिया गया फसल ऋण, फार्मर प्रोड्यूसर कम्पनी अथवा फार्मर प्रोड्यूसर संस्था (FPO) द्वारा लिया गया फसल ऋण तथा सोना गिरवी रख कर ऋण प्राप्त किया हों।
बैंकों का प्राथमिकता क्रम
लघु एवं सीमांत किसानों को प्राथमिकता देते हुए बैंकों का प्राथमिकता क्रम सहकारी बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक तथा राष्ट्रीयकृत बैंक होगा। योजना का लाभ लेने के लिये किसानों को फसल ऋण खातों में आधार नम्बर सीडिंग एवं अभिप्रमाणित कराया जाना आवश्यक होगा। जिन किसानों ने फसल ऋण खातों में आधार नम्बर सीडिंग नहीं है, उन्हें इस प्रयोजन हेतु एक अवसर प्रदान किया जाएगा।
योजना के लिए निरहर्ता/अपात्रता
सांसद, विधायक, जिला पंचायत अध्यक्ष, नगरपालिका/नगर पंचायत/नगर निगम के अध्यक्ष/महापौर, कृषि उपज मण्डी के अध्यक्ष, सहकारी बैकों के अध्यक्ष, केन्द्र एवं राज्य सरकार द्वारा गठित निगम, मण्डल अथवा बोर्ड के अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष, समस्त आयकर दाता, भारत सरकार तथा प्रदेश सरकार के समस्त शासकीय अधिकारी/ कर्मचारी तथा इनके निगम/मण्डल/अर्धशासकीय संस्थाओं में कार्यरत अधिकारी/कर्मचारी, (चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को छोड़कर), रुपये 15,000/- प्रतिमाह या उससे अधिक पेंशन प्राप्तकर्ता (भूतपूर्व सैनिकों को छोड़कर), जीएसटी (GST) में दिनांक 12 दिसम्बर, 2018 या उससे पूर्व पंजीकृत व्यक्ति/फर्म/फर्म के संचालक/फर्म के भागीदार योजनान्तर्गत अपात्र होंगे।
पात्र किसान द्वारा स्व-प्रमाणीकरण किया जाना योजना के लिये मान्य होगा। निरर्हता/अपात्रता की सूची में बदलाव या सुधार करने के लिए एवं ऋणमान के युक्तियुक्तकरण के लिए राज्य स्तरीय क्रियान्वयन समिति अधिकृत रहेगी।
एमपी ऑनलाइन तैयार करेगा पोर्टल
इस योजना के क्रियान्वयन के लिए एम.पी. ऑनलाईन (MP-online) द्वारा पोर्टल तैयार किया जाएगा। पोर्टल प्रबन्धन का कार्य सक्षम तकनीकी संस्था के सहयोग से किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग द्वारा किया जाएगा। जिला कलेक्टर के पर्यवेक्षण में जिले में स्थित समस्त राष्ट्रीकृत बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (RRB), सहकारी बैंकों की फसल ऋण माफी के पोर्टल से उपरोक्त अवधि के Regular Outstanding loan तथा NPA/कालातीत लोन की आधारकार्ड सीडेड ऋण खातों की हरी सूचियाँ तथ
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