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सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने काम संभालते ही सभी तबादले रद्द किए

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा ने करीब 77 दिन के बाद बुधवार सुबह 10:30 बजे सीबीआई मुख्यालय पहुंच कार्यभार संभाला। इसके बाद उन्होंने शाम को तत्कालीन अंतरिम निदेशक एम नागेश्वर राव द्वारा जारी सभी तबादलों को रद्द कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

वर्मा और विशेष निदेशक राकेश अस्थाना के बीच तकरार शुरु होने के बाद सरकार ने दोनों को छुट्टी पर भेज दिया था और उनके सारे अधिकार ले लिए थे। 1986 बैच के ओडिशा काडर के अधिकारी राव ने पिछले साल 23 अक्तूबर को आधी रात के बाद वर्मा की जगह सीबीआई के अंतरिम निदेशक बने थे। इसके अगले ही दिन राव ने बड़े स्तर पर सीबीआई अधिकारियों के तबादले किए थे। इनमें अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले की जांच करने वाले अधिकारी जैसे डीएसपी एके बस्सी, डीआईजी एमके सिन्हा, संयुक्त निदेशक ए के शर्मा भी शामिल थे। एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वर्मा ने पद संभालते ही राव द्वारा किए गए सभी तबादलों को रद्द कर दिया।

सीजेआई ने चयन समिति के लिए जस्टिस सीकरी को मनोनीत किया

देश के मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने एक उच्चाधिकार प्राप्त चयन समिति के लिए उनके बाद शीर्ष न्यायालय के सबसे वरिष्ठ न्यायाधीश जस्टिस एके सीकरी को मनोनीत किया है। यह समिति सीबीआई निदेशक आलोक कुमार वर्मा के भविष्य का फैसला करेगी। शीर्ष अदालत के सूत्रों ने कहा, जस्टिस सीकरी उस चयन समिति का हिस्सा होंगे जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे शामिल हैं। इस चयन समिति में प्रधानमंत्री, सीजेआई और सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता शामिल होते हैं।

एक सप्ताह के भीतर बैठक का आदेश

चूंकि सीजेआई, वर्मा को सीबीआई निदेशक पद पर बहाल करने का मंगलवार को फैसला देने वाली पीठ का हिस्सा थे, इसलिए उन्होंने समिति की बैठक से खुद को दूर रखा। इस समिति को एक सप्ताह के भीतर बैठक का आदेश दिया गया है। वर्मा का सीबीआई निदेशक के रूप में दो साल का कार्यकाल 31 जनवरी को पूरा हो रहा है।

शर्तों के साथ बहाल किया था

शीर्ष अदालत ने मंगलवार को वर्मा को कुछ शर्तों के साथ सीबीआई निदेशक पद पर बहाल किया था। इस आदेश में केन्द्र और सीवीसी को झटका देते हुए वर्मा से शक्तियां वापस लेने तथा उन्हें छुट्टी पर भेजने के उनके फैसले को निरस्त किया गया था। अदालत ने बहाली के साथ-साथ कहा था कि सीबीआई निदेशक का चयन करने वाली उच्च अधिकार प्राप्त समिति इस संबंध में एक सप्ताह के भीतर विचार कर सकती है क्योंकि सीवीसी उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच कर रही है।


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