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1 अप्रैल से लगना है ऐतिहासिक बाणगंगा मेला, विष्णु मंदिर, सिद्धेश्वर से करबला तक उड़ रही धूल

शिवपुरी शहर की प्रमुख सड़कों में शुमार पर्यटक स्थलों को जोड़ने वाली सड़क पूरी तरह से बदहाली का दंश झेल रही है। विष्णु मंदिर से लेकर सिद्धेश्वर होते हुए करबला तक इस सड़क का निर्माण अधूरा छोड़ दिया गया है। नतीजे में गिट्टी पर चलना मुश्किल हो रहा है। वहीं धूल के गुबार आम लोगों की मुसीबत बने हुए हैं। यह हाल बीते कई महीनों से बना हुआ है। लोनिवि का कहना है कि 10 महीने से भोपाल से फंड नहीं आया। इस कारण सिर्फ इस सड़क का निर्माण करने वाले ठेकेदार ही नहीं, बल्कि अन्य ठेकेदारों के भुगतान भी अटके हुए हैं, जिसके नतीजे में कई काम ठप्प पड़ गए हैं। विभाग की यह दलील आवाम पर भारी पड़ रही है और ठेकेदार काम बंद किए बैठे हैं। अब इस सड़क का निर्माण जल्द होना इसलिए आवश्यक है कि इसी रोड पर हर साल आयोजित होने वाला ऐतिहासिक सिद्धेश्वर बाणगंगा मेला भी 1 अप्रैल से शुरू होने जा रहा है। ऐसे में यहां आने वाले सैलानियों को परेशानी उठानी पड़ेगी।
हुसैन टेकरी से कर रहे आवागमन
सड़क पर गिट्टी बिछी हुई है, जिससे वाहन चलना तो दूर पैदल चलना भी परेशानी भरा हो गया है। नतीजे में विष्णु मंदिर तक आने के बाद लोग हुसैन टेकरी पर चढ़कर सिद्धेश्वर मंदिर के सामने से होकर अपने घरों को जाते हैं, जबकि जिन लोगों को पर्यटक स्थल जाना होता है। उन्हें 5 किमी का फेर खाकर या तो फिजिकल या फिर करौंदी के समीप से भूत पुलिया तक आना पड़ता है। हालांकि इसके बाद भी सड़क पूरी तरह बदहाल है और परेशानी खत्म नहीं होती, जिससे लोगों को परेशान होना पड़ता है।
संग्रहालय, टूरिस्ट वेलकम सेंटर, छत्री, भदैयाकुंड कैसे जाएं लोग
शहर के लोगों का कहना है कि नगर को पर्यटक नगरी का तमगा मिला हुआ है, लेकिन पर्यटक स्थलों को जोड़ने वाले मार्ग की ही हालत इतनी खस्ता है कि यहां आने वाले पर्यटक सड़क की बदहाली देखकर परेशानी में आ जाते हैं। उन्हें सड़क के नाम पर गिट्टी और धूल नजर आती है तो वे पर्यटक स्थल देखने की वजाय वापस लौट जाते हैं। इस सड़क पर जहां प्राचीन सिद्धेश्वर मंदिर स्थित है। वहीं चिंताहरण मंदिर सहित संग्रहालय, विष्णु मंदिर, टूरिस्ट वेलकम सेंटर, छत्री,बाणगंगा, भदैयाकुंड, टूरिस्ट विलेज और करबला स्थित हैं और हालत यह है कि इन सभी को जोड़ने वाली सड़क बीते करीब 1 साल से बदहाल पड़ी है।
हाइडेंट भी बने हैं भदैयाकुंड पर, बदहाल सड़क से कैसे चलेंगे टैंकर
शहर इन दिनों भीषण जल संकट से जूझ रहा है। बड़े टैंकर सहित छोटे टैंकरों को भरने के लिए सबसे अधिक 10 हाइडेंट फिल्टर प्लांट और भदैया कुंड पर बनाए गए हैं। इस सड़क पर गिट्टी के कारण 24 हजार और 12 हजार लीटर के अलावा 3 हजार लीटर के टैंकर संचालन करने में कठिनाई हो रही है। आए दिन टायर बस्ट हो रहे हैं, जिससे लोगों को पानी भी समय पर नहीं मिल पा रहा। टैंकर संचालन विमल, रामदुलारे, पप्पू, शैतानसिंह ने बताया कि अगर जल्द ही सड़क का निर्माण नहीं हुआ तो वे नुकसान से बचने के लिए टैंकर का संचालन बंद कर देंगे।
दमा और श्वांस के बढ़ रहे रोगी
विष्णु मंदिर से करबला तक करीब 4 किमी लंबे इस सड़क मार्ग का निर्माण प्राइवेट बस स्टैंड से होगा, लेकिन यह सड़क न बनने से रात दिन यहां धूल उड़ती रहती है। यहां नरेन्द्र नगर के निवासी मुकेश ओसवाल, विष्णु मंदिर निवासी दीपक, छोटू, सिद्धेश्वर के रहने वाले राजू, मुकेश, टिंकल सहित हरिओम आदि ने कहा कि दिन रात धूल उड़ने से इस सड़क के आसपास रहने वाली करीब 22 हजार आबादी भारी परेशान हैं और कई लोग दमा और श्वासं जैसी बीमारी के शिकार हो रहे हैं।
यह बोले अधिकारी
पिछले 10 माह से भोपाल से बजट आवंटित न होने के कारण सिद्धेश्वर सहित कई सड़कों का काम अटका हुआ है। भुगतान के फेर में ठेकेदारों ने सड़कों का निर्माण कार्य या तो बंद कर दिया है या फिर धीमी गति से कर रहे हैं। जिसके चलते सड़कों का निर्माण लटका हुआ है।
जेपी शर्मा, एसडीओ लोनिवि, शिवपुरी।
12, 13 कैप्सन-सिद्धेश्वर रोड का निर्माण न होने से वाहनों के गुजरने पर कुछ इस तरह से उड़ते हैं सड़क पर ध्ूल के गुबार।

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