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निजी भवनों पर झण्डे, बैनर, पोस्टर लगाने हेतु भवन स्वामी की लिखित अनुमति लेनी होगी ।

निजी भवनों पर झण्डे, बैनर, पोस्टर लगाने हेतु भवन स्वामी की लिखित अनुमति लेनी होगी । शिवपुरी | 16-मार्च-2019  लोकसभा निर्वाचन 2019 के तहत कोई भी व्यक्ति राजनैतिक दल, उम्मीदवार, सम्पत्ति स्वामी की लिखित अनुमति के बिना एवं सार्वजनिक दृष्टि से आने वाली किसी भी सम्पत्ति को स्याही, खडि़या, रंग या किसी अन्य पदार्थ से लिखकर या चिंहित कर उसे विरूपित करने पर 1 हजार रूपए तक का जुर्माना होगा, जो दण्डनीय होगा।
   कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी श्रीमती अनुग्रहा पी ने लोकसभा निर्वाचन 2019 स्वतंत्र, निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण सम्पन्न कराए जाने की दृष्टि से म.प्र. सम्पत्ति विरूपण अधिनियम की धारा 5 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए आदेश जारी किया है कि किसी भी शासकीय परिसर, भवन, दीवार, पानी की टंकी आदि पर लिखावट, पोस्टर चिपकाना, कटआउट, बैनर, होर्डिंग लगाने की अनुमति नही दी जाएगी। निर्वाचन लड़ने वाले प्रत्याशी निजी भवनों पर भी भवन स्वामी की लिखित सहमति एवं नगर पालिका एवं नगर परिषद की अनापत्ति प्राप्त करने के उपरांत झंडे, पोस्टर, बैनर, वाल राइटिंग व अस्थायी फ्लेक्स बोर्ड, भवन स्वामी की दीवार पर लगा सकते है। इसके लिए आवश्यक होगा कि प्रत्याशी को तीन दिवस के अंदर एनओसी जारी करने हेतु ली गई राशि की रसीद, भवन स्वामी के द्वारा लिए जाने वाले किराये की रसीद, बैनर, पोस्टर, फ्लेक्स बोर्ड, लिखावट पर किए गए व्यय की रसीद व संलग्न प्रोफार्मा रिटर्निंग ऑफिसर को भवनवार प्रस्तुत करना होगा। उक्त झंडे, बैनर, पोस्टर, फ्लैक्स बोर्ड, पर ऐसा कुछ भी नहीं लिखा जाए, जिससे कि विभिन्न समुदायों में असंतोष उत्पन्न होकर लोक न्यूसेंस की संभावना उत्पन्न हो।
    निर्वाचन प्रक्रिया के दौरान विभिन्न राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी या विज्ञापन कंपनियों द्वारा किसी भी शासकीय सम्पत्ति पर विज्ञापन आदि लगाया जाना पूर्णतः प्रतिबंधित किया गया है। विभिन्न राजनैतिक दल या चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थी या विज्ञापन कम्पनियों द्वारा अशासकीय सम्पत्ति को संबंधित भवन स्वामी की अनुमति के बिना विरूपित किया जाता है, तो संबंधित विभाग एवं भवन स्वामी के द्वारा सम्पत्ति विरूपण बावत् थाने में प्रथम सूचना रिपोर्ट भारतीय दण्ड प्रक्रिया की धारा 188 एवं सम्पत्ति विरूपण निवारण अधिनियम की धारा 3 के अंतर्गत दर्ज की जाएगी। व्यय की वसूली दोषी व्यक्ति से भू-राजस्व की बकाया के रूप में की जाएगी। साथ ही संबंधित पुलिस थाने में संबंधित विभाग द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) भी दर्ज करायी जाएगी।
    ग्रामीण क्षेत्रों में सम्पत्ति को मूल स्वरूप में लाने हेतु व्यय की प्रति पूर्ति पंचायत सचिव द्वारा पंचायत निधि की राशि से की जाएगी तथा ग्रामीण क्षेत्र सम्पत्ति विरूपण निवारण हेतु मूल दायित्व थाना प्रभारी, पटवारी, पंचायत सचिव का होगा। संबंधित दल द्वारा मूल स्वरूप में लायी गई शासकीय एवं अशासकीय सम्पत्ति का विवरण प्रतिदिन रिटर्निंग अधिकारी व अपर जिला मजिस्ट्रेट शिवपुरी को प्रेषित करेंगे, जिससे जानकारी निर्वाचन आयोग के प्रेक्षकों को प्रेषित की जा सके। इस कार्य में संलग्न किसी भी कर्मचारी की लापरवाही को गंभीरता से लिया जाएगा।

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