बदरबास राजस्व अमला एक बार फिर सुर्खियों में।
अबैध रेत उत्खनन और ठेकेदारों से खनिज विभाग की तरह अनेतिक गठजोड़ ।
*एकांत क्षेत्र में चल रही अबैध मशीनों से सहायक अमले की मदद से सूचना पाकर कार्यवाही की जगह जेब भरने का क्रम जारी।
*एक ओर sdm अबैध उत्खनन को लेकर सख्त तो राजस्व अमला उनको दे रहा है चोरी छुपे पनाह।।
*आचार संहिता में व्यवस्था बनाने की जगह वरिष्ट अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने का क्रम जारी।।
कोलारस---कोलारस राजस्व विभाग में प्राइवेट कंप्यूटर ऑपरेटर और निजी चहरे जो चौथ बसूली में लगे थे उन पर शिकंजा कसते हुए तहसीलदार मधुलिका तोमर ने उन्हें विभाग की इज्जत बनाये रखने के लिए चलता कर दिया है।।।
अधिकारी बही होता है कि विभाग की हर गतिविधि पर उनकी नजर रहे जहां भी खामी हो उसे दुरुस्त करने का प्रयास हो।।।
अपने विभाग की जिनसे बदनामी हो उस कारण को ही समाप्त कर दिया जाए।।।।
लेकिन इस प्रकार की दृढ़ इच्छाशक्ति कुछ ही अधिकारियों में होती है कभी पुरूष अधिकारी भी वह काम नही कर सकता जो महिला अधिकारी करके दिखा देती है।।।।
अब बदरबास राजस्व विभाग की बात की जाए तो विगत कुछ दिनों से यहां जनता के काम की जगह जेवे भरने का क्रम जारी हो गया है।।।
आचार संहिता को दृष्टि गत रखते हुए अधिकारी वर्ग का ग्राम ग्राम भ्रमण जारी है।।। sdm आशीष तिवारी भी हर बूथ पर जाकर ग्रामीण इलाकों का दौरा करने में लगे है।।। जहां भी उन्हें इस दौरान अबैध उत्खनन करती मशीन दिखाई देती है उन पर कार्यवाही की जाती है हालहि में फोरलेन पर एक jcv पर भी उनके द्वारा कर्यवाही की गई और जब्त कर ली गई।।।।
लेकिन बदरबास राजस्व अमला अबैध उत्तखन कर्ताओं पर कार्यवाही करने की जगह उनसे एकांत के क्षेत्रों में लेन देन कर उनको संरक्षण देने में लगा है।।
हालात ये है कि बादरबास के आस पास के लगे ग्रामो से आने वाले लोगो की समस्याओं का समाधान भले ही न हो लेकिन गुना बॉर्डर पर चलने बाले अबैध उत्तखन तक पूरी पहुच अमला रखता है और माइनिंग की तरह इनसे अपने लेन देन में कोई कोर कसर नही छोड़ता।।।।
विभाग में कुर्शी पर बैठकर जो अधिकारी नवीन नामन्तरण में ढेरों नुक्स निकालकर ख़ुद को विभाग का वफादार साबित करते नहीं चूकते और छोटे से प्रकरणो में दुनिया भर कु तामील निकाला देते है ताकि जनता का काम उलझा रहे वहीं अबैध उत्तखन में लगे माफियाओं से उनका अनेतिक गठजोड़ काबिले तारीफ है।।। शासकीय अधिकारी जनता को सुविधा और व्यवस्था मुहैया कराने के लिए होते है किंतु धन की लालसा में वेअपने मूल कर्तव्यों को ही भूल जाते है ये बड़े खेद का विसय है।।।।
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