पानी लाने की समयसीमा तय, फिर भी कंपनी मांग रही तारीख पर तारीख, अब काम ही बंद
पानी लाने की समयसीमा तय, फिर भी कंपनी मांग रही तारीख पर तारीख, अब काम ही बंदइधर... शहर में जल संकट की यह तस्वीर भी देख लीजिए शहर की 12 में से 6 टंकियां ही जुड़ पाईं भास्कर संवाददाता|शिवपुरी ...
एंटी करप्शन न्यूज़
शहर की 12 में से 6 टंकियां ही जुड़ पाईं
भास्कर संवाददाता|शिवपुरी
शहर के लाेगाें काे सिंध का पानी दिलाने के लिए जनप्रतिनिधि भले समयसीमा तय कर रहे हैं लेकिन नपा के अफसर अाैर ठेका कंपनी इसे मानने काे तैयार नहीं है। ठेका कंपनी तारीख पर तारीख मांग रही है। अब तक 12 में से 6 पानी की टंकियां जाेड़ने के बाद सिंध जलावर्धन योजना का काम एक बार फिर ठप हो गया है। इसकी वजह कंपनी का तीन करोड़ का भुगतान न हो पाना है। नगर पालिका का खजाना खाली हो जाने से भ्ुगतान नहीं हो पा रहा है। लेकिन कंपनी बगैर भुगतान के आगे काम करने को तैयार नहीं है।
मालूम हो कि सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने टंकियों को जोड़ने के लिए सबसे पहले 31 मार्च तक का समय दिया था। लेकिन जब यह काम इस समयसीमा में पूरा नहीं हुआ तो 16 अप्रैल डेडलाइन तय की गई। अब यह काम इस डेडलाइन में पूरा होना तो छोड़िए काम ही बंद हो गया है। इधर, दाेशियान वाली जीआरपी लाइन बदलकर नई एमएस (लोहे) पाइप लाइन बिछाने के लिए 12 करोड़ रुपए से ज्यादा की जरूरत है। नगर पालिका इसके लिए कंसल्टेंसी कंपनी से प्रस्ताव तैयार करा रही है। यह प्रस्ताव शासन को भेजकर पैसे की मांग की जाएगी। जब तक सरकार मंजूरी के साथ राशि जारी नहीं करती, तब तक शहर की जनता को टैंकरों से . अपनी प्यास बुझानी पड़ेगी। शेष टंकियों तक पानी पहुंचाने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजने के बाद ही हल निकल पाएगा। प्रस्ताव भेजने के लिए नगर पालिका आचार संहिता हटने का इंतजार कर रही है।
नपा का खजाना खाली होने से भुगतान रुका तो कंपनी ने काम किया ठप, चुनाव आचार संहिता हटने का इंतजार
100 करोड़ रु. से ज्यादा, फिर भी जनता को पूरी तरह राहत नहीं
दोशियान कंपनी ने जब काम हाथ में लिया था, तब सिंध जलावर्धन योजना की कुल लागत 59 करोड़ रुपए थी। समय गुजरने पर लागत बढ़कर 62 करोड़ हो गई और फिर रिवाइज एस्टीमेट के साथ लागत 80 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। घटिया पाइप लाइन बदलने के लिए सरकार ने बीस लाख रुपए से ज्यादा दिए। यानी योजना पर 100 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च हो गया है। शहर की जनता को अभी तक पूरी तरह राहत नहीं मिल पाई है।
शहर में 12 नई टंकियां और 6 पुरानी टैंकों की स्थिति
छह टंकियां जुड़ी, तीन की टेस्टिंग फिर भी नहीं
नौहरीकला, ठकुरपुरा, कलेक्टोरेट के पीछे पुलिस लाइन, मनियर पुराना टोल नाका, फतेहपुर, फिजीकल टंकी मड़ीखेड़ा सप्लाई लाइन से जुड़ चुकी है। नौहरीकला, कलेक्टोरेट, मनियर टंकी की टेस्टिंग हो गई है।
छह में से पांच पुरानी टंकियां जुड़ीं
शहर की पुरानी टंकियां गांधी पार्क, ठकुरपुरा, चीलौद, सब्जीमंडी कोर्ट रोड और मोती बाबा टंकी सिंध जलावर्धन की मुख्य लाइन से जुड़ गईं हैं। जहां से घर-घर सप्लाई की जा रही है। हालांकि हाउसिंग बोर्ड टंकी बल्ब खराबी के चलते अभी नहीं जुड़ी है।
छह टंकियां नहीं जुड़ीं, एक अभी भी अधूरी
शहर की पांच नई टंकियां ट्रांसपोर्ट नगर बड़ाैदी, लुधावली, राघवेंद्र नगर स्टील टैंक, पीएचक्यू लाइन और अंबेडकर नगर अभी तक सिंध जलावर्धन सप्लाई लाइन से नहीं जुड़ी हैं। जबकि भारतीय विद्यालय वाली टंकी का निर्माण चल रहा है।
राशि तो आती-जाती है, काम बंद नहीं कर सकते
सरकार काम करा रही है। राशि तो आती जाती है। काम बंद नहीं कर सकते। सिंध जलावर्धन योजना का काम कंप्लीट कराने के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है। योजना का काम जल्द पूरा कराया जाएगा। केके पटेरिया, सीएमओ, नगर पालिका शिवपुरी नपा के पास फंड नहीं काम बंद करना पड़ा है
मंजूर राशि से हम पुराने वर्क बैलेंस का काम ज्यादा काम कर चुके हैं। हमारे तीन करोड़ बिलों का भुगतान बकाया है। नगर पालिका के पास फंड नहीं बचा है। काम बंद करना पड़ा है। शासन से मंजूरी मिलने पर काम कर पाएंगे। महेश मिश्रा, प्रोजेक्ट मैनेजर, ओम कंस्ट्रक्शन कंपनी
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