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शहर में सिंधिया की हार-जीत पर कांग्रेस के कई नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर


शिवपुरी।
लोकसभा चुनाव परिणाम से पहले आए एग्जिट पोल के सर्वे ने कांग्रेस की चिंता बढ़ा दी है। मप्र में कांग्रेस को कम सीटें दिए जाने की बात तमाम सर्वे में कही जा रही है। ऐसे में अब सबकी निगाहें गुना-शिवपुरी संसदीय सीट पर लग गई हैं कि यहां पर कांग्रेस प्रत्याशी ज्योतिरादित्य सिंधिया कितने वोटों से जीतेंगे। इस सीट पर कांग्रेस के ज्योतिरादित्य सिंधिया का मुकाबला भाजपा के केपी यादव से है। ऐसे में अब सबकी निगाहें शिवपुरी विधानसभा सीट पर भी हैं कि यहां से ज्योतिरादित्य चुनाव जीतते हैं या हारते हैं। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया को शिवपुरी विधानसभा सीट से हार मिली थी। खासकर शिवपुरी शहर से तो सिंधिया लगभग 15 हजार वोटों से हारे थे। क्या इस बार भी अंडर करेंट मोदी लहर के कारण सिंधिया को शिवपुरी विधानसभा से हार मिलेगी। खासकर शिवपुरी शहरी क्षेत्र के वार्डों से। क्या इस बार भी सिंधिया को शहरी क्षेत्र में हार का सामना करना पड़ेगा। रविवार को आए सर्वे के बाद शहरी क्षेत्र के सिंधिया समर्थक कांग्रेस नेता चिंता में देखे गए हैं।

कई नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर-

शिवपुरी शहर में सिंधिया की हार-जीत पर कांग्रेस के कई नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।
इनमें यह नेता शामिल हैं।-

नगर पालिका अध्यक्ष मुन्नालाल कुशवाह, गणेश गौतम, राकेश गुप्ता, बैजनाथ सिंह यादव, गणेशीलाल जैन, विजय शर्मा, शैलेंद्र टेडिया, राकेश जैन आमोल, जगमोहन सेंगर, सिद्धार्थ लढ़ा, पवन जैन पीएस, नपा उपाध्यक्ष अनिल शर्मा अन्नी, नरेंद्र जैन भोला, पार्षद गण पवन शर्मा, विवेक अग्रवाल, इस्माईल खान, आकाश शर्मा, संजय सांखला, मुकेश जैन, राकेश जैन, अजय गुप्ता, पदम चौकसे, आदि नेताओं की प्रतिष्ठा दांव पर है। अब देखना यह होगा कि इन सभी नेताओं की पोलिंग से कांग्रेस प्रत्याशी जीतते हैं या हारते हैं।

मोदी का अंडर करेंट हुआ तो मिल सकती है हार-

वैसे सिंधिया समर्थक कई नेताओं का कहना है कि इस बार शिवपुरी शहर में कांग्रेस नेताओं ने बड़ी मेहनत की है और परिणाम कांग्रेस के पक्ष में आएंगे। वहीं दूसरी ओर भाजपा नेताओं का कहना है कि इस बार देश में मोदी लहर वर्ष 2014 से भी ज्यादा है। शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र के भाजपा प्रभारी राजू बाथम का कहना है कि इस बार भी ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्ष 2014 की तरह शहरी क्षेत्र से चुनाव हारेंगे। उनका कहना है कि मोदी का अंडर करेंट है और जनता ने मोदी को देखते हुए भाजपा को वोट दिया है। उनका कहना है कि इस बार पूरे संसदीय क्षेत्र में ही परिणाम चौकाने वाले रहेंगे और यहां पर भाजपा प्रत्याशी केपी यादव जीत रहे हैं।

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