शिवपुरी। जिले सहित प्रदेशभर की ग्राम पंचायतों में होने वाले कार्यों का भुगतान सरपंच व सचिव अब ऑनलाइन करेंगे और इसके लिए उनके डिजिटल साइन के डोंगल भी बनाए गए। यह डोंगल बनाने के नाम पर ही सरपंच-सचिवों से अवैध वसूली कर ली गई। एक हजार रुपए में बनने वाले डोंगल के सरपंच सचिवों से दो-तीन हजार रुपए तक की वसूली की गई है। इतना ही नहीं सरपंच-सचिवों को डोंगल के उपयोग का जो प्रशिक्षण दिया गया, उसके एवज में भी दो-दो सौ रुपए लिए जाने की चर्चा सरगर्म है। हालांकि जिला पंचायत सीईओ का कहना है कि डोंगल बनवाने की सभी को स्वतंत्रता रही है।
अभी तक ग्राम पंचायतों में जो राशि भेजी जाती थी, वो जनपद कार्यालय से ऑनलाइन भेजी जाती थी। इसके बाद सरपंच व सचिव उन कार्यों का भुगतान चेक के माध्यम से करते थे। अभी तक ग्राम पंचायतें राज्य सरकार के पोर्टल से जुड़ी हुई थींं, लेकिन अब केंद्र सरकार के पोर्टल से उन्हें सीधे ही जोड़ा गया है। जिसके चलते अब सरपंच व सचिव सीधे ही ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे। इसके लिए प्रत्येक पंचायत के सरपंच व सचिव के डिजिटल साइन (डीएससी) का डोंगल बनाया जाना था, जिसमें दोनों के हस्ताक्षर ऑनलाइन होने के साथ ही उन्हें इसका उपयोग किए जाने की ट्रेनिंग भी एपीओ (अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी) द्वारा दी जानी थी। चूंकि डिजीटल इंडिया में सरपंच व सचिव अभी प्रवेश कर रहे हैं, इसलिए उन्हें डोंगल आदि की जानकारी उतनी नहीं है। सूत्रों का कहना है कि एपीओ ने डोंगल बनवाने के नाम पर सरपंच-सचिव से 2 से 3 हजार रुपए की वसूली कर ली, जबकि एक ही डोंगल में दोनों के डिजीटल हस्ताक्षर का खर्चा 1050 रुपए ही है। इतना ही नहीं प्रशिक्षण के नाम पर भी दो सौ रुपए लिए जाने की चर्चा है।
यह बोले सचिव
हमारे डोंगल बन गए हैं और उसके बदले में 2 हजार रुपए लिए गए हैं। एक हजार रुपए हमारे हस्ताक्षर के तथा एक हजार रुपए सरपंच के हस्ताक्षर के लिए गए।
गोवर्धन रजक, सचिव दुमदमा करैरा
अभी तक ग्राम पंचायतों में जो राशि भेजी जाती थी, वो जनपद कार्यालय से ऑनलाइन भेजी जाती थी। इसके बाद सरपंच व सचिव उन कार्यों का भुगतान चेक के माध्यम से करते थे। अभी तक ग्राम पंचायतें राज्य सरकार के पोर्टल से जुड़ी हुई थींं, लेकिन अब केंद्र सरकार के पोर्टल से उन्हें सीधे ही जोड़ा गया है। जिसके चलते अब सरपंच व सचिव सीधे ही ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे। इसके लिए प्रत्येक पंचायत के सरपंच व सचिव के डिजिटल साइन (डीएससी) का डोंगल बनाया जाना था, जिसमें दोनों के हस्ताक्षर ऑनलाइन होने के साथ ही उन्हें इसका उपयोग किए जाने की ट्रेनिंग भी एपीओ (अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी) द्वारा दी जानी थी। चूंकि डिजीटल इंडिया में सरपंच व सचिव अभी प्रवेश कर रहे हैं, इसलिए उन्हें डोंगल आदि की जानकारी उतनी नहीं है। सूत्रों का कहना है कि एपीओ ने डोंगल बनवाने के नाम पर सरपंच-सचिव से 2 से 3 हजार रुपए की वसूली कर ली, जबकि एक ही डोंगल में दोनों के डिजीटल हस्ताक्षर का खर्चा 1050 रुपए ही है। इतना ही नहीं प्रशिक्षण के नाम पर भी दो सौ रुपए लिए जाने की चर्चा है।
यह बोले सचिव
हमारे डोंगल बन गए हैं और उसके बदले में 2 हजार रुपए लिए गए हैं। एक हजार रुपए हमारे हस्ताक्षर के तथा एक हजार रुपए सरपंच के हस्ताक्षर के लिए गए।
गोवर्धन रजक, सचिव दुमदमा करैरा
मेरा व सरपंच के डिजिटल हस्ताक्षर का डोंगल बनाया गया है। अभी हमने भुगतान नहीं किया है, लेकिन बात हो गई कि दोनों के एक-एक हजार रुपए देना है।
शिवनंदन लोधी, सचिव अकाझिरी
शिवनंदन लोधी, सचिव अकाझिरी
दो हजार रुपए में बात हुई है और उसके बदले में डोंगल बनाया गया है। अब हम डिजिटल हस्ताक्षर करके ऑनलाइन भुगतान कर सकेंगे।
गोपाल दांगी, सचिव सिंघराई
गोपाल दांगी, सचिव सिंघराई
हमारे डोंगल बन गए हैं तथा उसके बदले में भुगतान की बात हो गई है। एक-एक हजार रुपए में दोनों के हस्ताक्षर की बात हुई है।
नीलेश दुबे, सचिव मझेरा
नीलेश दुबे, सचिव मझेरा
डोंगल बनाने का 1050 रुपए का आता है खर्च
यदि एक ही डोंगल में दो हस्ताक्षर अपलोड करना है, तो उसमें 1050 रुपए का खर्चा आता है। क्योंकि जब एक साथ कई डोंगल बनाए जाते हैं तो दुकानदार अपना मार्जिन कम करके उसे कम दाम में बना देता है। वैसे अभी तक हमारे पास किसी पंचायत का एक भी डोंगल बनने के लिए नहीं आया।
संजीव गुप्ता, डिजीनेट सेंटर शिवपुरी
यदि एक ही डोंगल में दो हस्ताक्षर अपलोड करना है, तो उसमें 1050 रुपए का खर्चा आता है। क्योंकि जब एक साथ कई डोंगल बनाए जाते हैं तो दुकानदार अपना मार्जिन कम करके उसे कम दाम में बना देता है। वैसे अभी तक हमारे पास किसी पंचायत का एक भी डोंगल बनने के लिए नहीं आया।
संजीव गुप्ता, डिजीनेट सेंटर शिवपुरी
जिससे जितना रेट तय उतने में बनवाया डोंगल
पहले स्टेट के पोर्टल से पंचायतें जुड़ी हुईं थीं, लेकिन अब केंद्र सरकार के पोर्टल से इन्हें जोड़ा गया है और शिवपुरी सहित प्रदेश भर की पंचायतें 30 अप्रैल तक इस पोर्टल में जोडऩे के साथ ही सरपंच-सचिवों के डिजिटल हस्ताक्षर बनवाए गए। डोंगल बनाने के लिए कोई टेंडर नहीं किया, जिसने जितने रेट में तय हुआ, उसने बनवाया है।
एचपी वर्मा, सीईओ जिला पंचायत
पहले स्टेट के पोर्टल से पंचायतें जुड़ी हुईं थीं, लेकिन अब केंद्र सरकार के पोर्टल से इन्हें जोड़ा गया है और शिवपुरी सहित प्रदेश भर की पंचायतें 30 अप्रैल तक इस पोर्टल में जोडऩे के साथ ही सरपंच-सचिवों के डिजिटल हस्ताक्षर बनवाए गए। डोंगल बनाने के लिए कोई टेंडर नहीं किया, जिसने जितने रेट में तय हुआ, उसने बनवाया है।
एचपी वर्मा, सीईओ जिला पंचायत
सीईओ के पास जमा करवाई राशि
डोंगल के बदले में जो राशि सरपंच-सचिव से ली जा रही है, वो जनपद सीईओ के पास जमा करवाई है। वहीं से उनके डोंगल का भुगतान किया जाएगा और उनके डोंगल बनवाए जाएंगे।
दिलीप कुशवाह, लिपिक एपीओ करैरा
डोंगल के बदले में जो राशि सरपंच-सचिव से ली जा रही है, वो जनपद सीईओ के पास जमा करवाई है। वहीं से उनके डोंगल का भुगतान किया जाएगा और उनके डोंगल बनवाए जाएंगे।
दिलीप कुशवाह, लिपिक एपीओ करैरा
0 टिप्पणियाँ