दिनारा क्षेत्र में खराब ट्रांसफार्मर के पास खड़े होकर प्रदर्शन करते हुए ग्रामीण। रात व दिन में मिल रही है...

दिनारा क्षेत्र में खराब ट्रांसफार्मर के पास खड़े होकर प्रदर्शन करते हुए ग्रामीण।
रात व दिन में मिल रही है सिर्फ पांच घंटे बिजली
भीषण गर्मी के इस दौर में ग्राम काली पहाड़ी लिपटा बरुआ सीआई बड़ौरा सेमरा का डोरा खिरिया बरकुआं बहेरा टकटकी मोटा आदि गांवों में इन दिनों दिन में सिर्फ तीन घंटे तथा रात में बमुश्किल दो से ढाई घंटे बिजली मिल रही है। दिन में बिजली आने पर ग्रामीण जन अपने पंप व ट्यूबवेल को चला कर पीने का पानी भरते हैं। कई गांवों में तो लोगों को बिजली न होने पर पानी के लिए ट्रैक्टर अल्टीनेटर व डीजल इंजनों का भी सहारा लेना पड़ता है तब कहीं जाकर लोगों की पेयजलापूर्ति हो पा रही है।
बिजली गुल रहने से बच्चे भी हो रहे बीमार
भीषण गर्मी के मौसम में दिन के वक्त बिजली गायब रहने से लोगों का घर पर रह पाना मुश्किल हो गया है, वहीं के बिजली उपकरण बंद रहने से बच्चे बीमार हो रहे हैं। पीड़ित गांवों वालों का कहना है कि रात-दिन की बिजली कटौती से मवेशियों को भी पानी मिलना मुश्किल हो गया है और वह अपनी प्यास बुझाने जंगलों में मारे-मारे फिरते रहते हैं, लोगों में भारी आक्रोश है।
प्यास बुझाने जंगलों में भटक रहे मवेशी
सेमरा गांव के निवासी राजेंद्र यादव ने बताया कि बिजली की समस्या के कारण पानी के संकट का सामना कर रहे एक दर्जन गांवों के लोगों को दिन में पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है, जिससे मवेशियों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा। आस-पास के निजी कुओं व ट्यूबवेल से पानी लाना पड़ रहा है। नदी तथा तालाब में भी पानी सूख चुका है जिसके चलते मवेशी प्यास बुझाने जंगलों में भटक रहे हैं।
शिकायत के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई
बिजली कटौती ज्यादा
सुविधाओं से वंचित ग्रामीण
लाइन चोरी हो गई है
रात व दिन में मिल रही है सिर्फ पांच घंटे बिजली
भीषण गर्मी के इस दौर में ग्राम काली पहाड़ी लिपटा बरुआ सीआई बड़ौरा सेमरा का डोरा खिरिया बरकुआं बहेरा टकटकी मोटा आदि गांवों में इन दिनों दिन में सिर्फ तीन घंटे तथा रात में बमुश्किल दो से ढाई घंटे बिजली मिल रही है। दिन में बिजली आने पर ग्रामीण जन अपने पंप व ट्यूबवेल को चला कर पीने का पानी भरते हैं। कई गांवों में तो लोगों को बिजली न होने पर पानी के लिए ट्रैक्टर अल्टीनेटर व डीजल इंजनों का भी सहारा लेना पड़ता है तब कहीं जाकर लोगों की पेयजलापूर्ति हो पा रही है।
बिजली गुल रहने से बच्चे भी हो रहे बीमार
भीषण गर्मी के मौसम में दिन के वक्त बिजली गायब रहने से लोगों का घर पर रह पाना मुश्किल हो गया है, वहीं के बिजली उपकरण बंद रहने से बच्चे बीमार हो रहे हैं। पीड़ित गांवों वालों का कहना है कि रात-दिन की बिजली कटौती से मवेशियों को भी पानी मिलना मुश्किल हो गया है और वह अपनी प्यास बुझाने जंगलों में मारे-मारे फिरते रहते हैं, लोगों में भारी आक्रोश है।
प्यास बुझाने जंगलों में भटक रहे मवेशी
सेमरा गांव के निवासी राजेंद्र यादव ने बताया कि बिजली की समस्या के कारण पानी के संकट का सामना कर रहे एक दर्जन गांवों के लोगों को दिन में पर्याप्त बिजली नहीं मिल रही है, जिससे मवेशियों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा। आस-पास के निजी कुओं व ट्यूबवेल से पानी लाना पड़ रहा है। नदी तथा तालाब में भी पानी सूख चुका है जिसके चलते मवेशी प्यास बुझाने जंगलों में भटक रहे हैं।
शिकायत के बाद भी नहीं हो रही सुनवाई
बिजली कटौती ज्यादा
सुविधाओं से वंचित ग्रामीण
लाइन चोरी हो गई है
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