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चंद्रग्रहण 2019: आज 149 साल बाद बन रहा है दुर्लभ संयोग, भूलकर भी न करे ये काम, वरना...

नई दिल्ली। आषाढ़ माह की पूर्णिमा के दिन साल का दूसरा चंद्र ग्रहण 16 जुलाई को पड़ रहा है। इतना ही नहीं इस दिन गुरु पूर्णिमा के साथ-साथ कर्क संक्रांति भी है। जिसका असर हर राशि के जातकों पर पड़ेगा। ग्रहण के 9 घंटे पहले से सूतक शुरु हो जाता है। जिसमें कई ऐसे काम है तो नहीं किए जाते है। खंडग्रास चंद्रग्रहण रात 1:31 से शुरू होकर 17 जुलाई सुबह 4:31 बजे तक रहेगा। वहीं सूतक काल की बात करें तो वह 16 जुलाई की शाम 4 बजकर 31 मिनट से सूतक शुरू होगा। ग्रहण के समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।
चंद्रग्रहण के 9 घंटे पहले लगेगा सूतक, सूतक काल में बंद रहेंगे चार धाम के कपाट
ग्रहण के समय न करें ये काम
ग्रहण के समय रसोई से संबंधित कोई भी कार्य नहीं करना चाहिए, खासकर कि खाना नहीं बनाना चाहिए ।
गर्भवती महिलाओं को इस दौरान अपना खास ख्याल रखना चाहिए। उन्हें किसी भी तरह का काम नहीं करना चाहिए।
प्रेग्नेंट महिलाएं किसी भी तरह की हेयरस्टाइल बनाने से बचे। इस दिन बाल खुले ही रखें तो बेहतर होगा।
सुई में धागा नहीं डालना चाहिये।
कुछ काटना, छीलना नहीं चाहिये।
कुछ छौंकना या बघारना नहीं चाहिये।
अगर आप गर्भवती हैं तो आप अपने हाथ में चाकू-कैंची या कोई भी धारदार चीज न लें। न ही कुछ काटने का प्रयास करें।
गर्भवती महिला ग्रहण के दौरान कोशिश करे खड़ी रहे, लेटना या हाथ-पैर मोड़ कर न बैठें।
ग्रहण के समय करें ये काम
ग्रहण के दौरान चारों तरफ बहुत अधिक निगेटिविटी फैल जाती है इसलिए घर में सभी पानी के बर्तन में, दूध में और दही में कुश या तुलसी की पत्ती या दूब धोकर डालनी चाहिए और ग्रहण समाप्त होने के बाद दूब को निकालकर फेंक देना चाहिए ।
सूर्य ग्रहण लगने से कई घंटे पहले सूतक लग जाता है। इस दौरान घर में भी भगवान के मंदिर को ढक देना चाहिए।
पूजा-पाठ करना चाहिए और सूर्यदेव के मंत्रों का तेज आवाज़ में उच्चारण करना चाहिए। सूर्यदेव का एक महत्वपूर्ण मंत्र इस प्रकार है- ‘ऊँ घृणिः सूर्याय नमः’। इस मंत्र का जाप करने से आपके आस-पास निगेटिविटी नहीं रहेगी।
जब ग्रहण शुरू हो तब थोड़ा-सा अनाज और कोई पुराना पहना हुआ कपड़ा निकालकर अलग रख दें और जब ग्रहण समाप्त हो जाये तब उस कपड़े और अनाज को आदरसहित, रिक्वेस्ट के साथ किसी सफाई-कर्मचारी को दान कर दें। इससे आपको शुभ फल प्राप्त होंगे।
सूतक के दौरान भी नहाना चाहिए और जब ग्रहण हट जाए तो भी नहाना जरूरी होता है।
सूतक लगते ही आप प्रभु के भजन-कीर्तन आदि करते रहें।
गर्भवती महिलाएं अपने लंबाई के बराबर एक कुश लें। यदि कुश न हो तो कोई सीधा डंडा लेकर उसे कोने में खड़ा कर दें। इससे यदि वह ग्रहण में बैठना या लेटना चाहें तो लेट सकेंगी।

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