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26 घंटे बाद खत्म हुआ प्रियंका गांधी का धरना, दिया यह बड़ा बयान

सोनभद्र। जिले के उभ्भा गांव में हुए नरसंहार में मृतकों के परिजनों से मिलने जा रहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को पुलिस ने शुक्रवार को रोका लिया था। जिसके बाद प्रियंका गांधी धरने पर बैठ गई थीं। इसी दौरान शनिवार को पीड़ित परिवार की 5 महिलाएं प्रियंका गांधी से मिलने चुनार पहुंचीं। प्रियंका गांधी ने पीड़ितों की तकलीफ सुनकर उन्हें ढांढस बंधाया। साथ ही कमरे में पीड़ितों के साथ बैठक की।
बैठक के बाद पीड़ितों के साथ बाहर आईं प्रियंका गांधी ने कहा कि मेरा मकसद पूरा हुआ और हमारी कुछ मांगे हैं। 25 लाख मुआवजा दिया जाए, मुकदमा फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाए, पीड़ितों को जमीन का मालिकाना हक मिले और निर्दोषों पर किए गए झूठे मुकदमे वापस लिया जाए। कांग्रेस भी पीड़ितों की आर्थिक मदद करेगी। इसके पहले प्रियंका गांधी चुनार किले में पेड़ के नीचे धरने पर बैठी थीं। इसी दौरान प्रियंका गांधी से मिलने आए पीड़ितों के रिश्तेदारों को पुलिस ने किले के नीचे रोका तो प्रियंका गांधी खुद उनसे मिलने जाने लगी थीं।
इस पर पुलिस ने प्रियंका को भी रोका था। इसी बात पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं की पुलिस के साथ झड़प भी हुई। वहीं, प्रियंका गांधी वाड्रा से मिलने जा रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राजबब्बर को भी वाराणासी एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया। राज बब्बर के साथ जीतिन प्रसाद, आरपीएन सिंह, मुकुल वासनिक, राजीव शुक्ला, दीपेंद्र हुड्डा, प्रजानाथ शर्मा समेत कई कांग्रेसी नेताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। वाराणसी के डीएम सुरेंद्र सिंह के पहुंचने के बाद सभी नेताओं को बीएचयू ट्रामा सेंटर घायलों से मिलने जाने की अनुमति मिली। फिर 12.50 बजे टीएमसी के तीनों सदस्य बीएचयू ट्रामा सेंटर के लिए रवाना हो गए। वहीं, दोपहर 1.05 बजे राज बब्बर, जितिन प्रसाद, आरपीएन सिंह समेत सभी कांग्रेसी नेता भी बीएचयू ट्रामा सेंटर के लिए निकले।
वहीं तृणमूल कांग्रेस के चार सदस्यीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल को वाराणसी पुलिस ने वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डे पर रोक दिया। यह प्रतिनिधिमंडल सोनभद्र में पीड़ितों के परिजनों से मिलने जा रहा था। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पार्टी के वरिष्ठ नेता डेरेक ओ ब्रायन कर रहे हैं। वहीं, टीएमसी के नेता पुलिस प्रशासन द्वारा रोके जाने पर नाराज हो कर एयरपोर्ट पर ही धरने पर बैठ गए। शुक्रवार को पहुंचीं प्रियंका को नरायणपुर से पहले रामनगर में टेंगरा मोड़ पर ही रोकने की तैयारी थी। इसके मद्देनजर उनके आगमन से लगभग डेढ़ घंटे पहले ही डीएम सुरेंद्र सिंह और एसएसपी आनंद कुलकर्णी भारी पुलिस बल के साथ बीएचयू ट्रोमा सेंटर पहुंच गए थे। टेंगरा मोड़ पर प्रियंका का काफिला रोकने में सफलता नहीं मिली तो तीन एडिशनल एसपी, पांच सीओ और 12 थानेदारों के अलावा पुलिस लाइन से आई फोर्स ने नरायणपुर चौकी के सामने मिर्जापुर पुलिस के साथ नाकाबंदी की।
प्रियंका का काफिला नरायणपुर पुलिस चौकी के सामने पहुंचा तो भारी पुलिस बल और बैरिकेडिंग देखकर एसपीजी के अधिकारियों ने उनका वाहन रोक दिया। इसके साथ ही एसपीजी के अधिकारियों ने अपने हेडक्वार्टर को प्रियंका को रोके जाने की जानकारी दी। आगे बढ़ने से रोके जाने पर प्रियंका सड़क पर धरने पर बैठ गईं तो एसपीजी ने उन्हें घेर लिया। प्रियंका तीखी धूप में भी करीब एक घंटे तक सड़क पर ही बैठी रहीं। इस दौरान वाराणसी से सोनभद्र मार्ग पर वाहनों की आवाजाही बंद रही।
लगभग एक घंटे बाद प्रियंका अपने वाहन में सवार होकर फिर आगे बढ़ीं तो पुलिस ने दोबारा घेरेबंदी की और कांग्रेस नेताओं को सड़क पर से जबरन उठाकर नरायणपुर चौकी ले जाया गया। इसके बाद प्रियंका को उनके वाहन से उतार कर एसडीएम चुनार की गाड़ी में बैठाया गया और पुलिस अभिरक्षा में चुनार गेस्ट हाउस भेज दिया गया।
मैं नरसंहार का दंश झेल रहे गरीब आदिवासियों से मिलने, उनकी व्यथा-कथा जानने आयी हूँ। जनता का सेवक होने के नाते यह मेरा धर्म है और नैतिक अधिकार भी। उनसे मिलने का मेरा निर्णय अडिग है। उत्तर प्रदेश प्रशासन द्वारा मुझे पिछले 9 घंटे से गिरफ़्तार करके चुनार किले में रखा हुआ है। प्रशासन कह रहा है कि मुझे 50,000 की जमानत देनी है अन्यथा मुझे 14 दिन के लिए जेल की सज़ा दी जाएगी, मगर वे मुझे सोनभद्र नहीं जाने देंगे ऐसा उन्हें ‘ऊपर से ऑर्डर है’।
सोनभद्र में धारा 144 पर मायावती ने किया ट्वीट
वहीं, मायावती ने सोनभद्र हत्याकांड पर ट्वीट करते हुए कहा कि यूपी के सोनभद्र में आदिवासी समाज का उत्पीड़न व शोषण, उनकी जमीन से बेदखली व अब नरसंहार स्टेट भाजपा सरकार की कानून-व्यवस्था के मामले में फेल होने का पक्का प्रमाण है। यूपी ही नहीं देश की जनता भी इन सबसे अति-चिंतित जबकि बीएसपी की सरकार में एसटी तबके के हितों का भी खास ख्याल रखा गया।
मायावती ने लिखा कि यूपी सरकार जान-माल की सुरक्षा व जनहित के मामलें में अपनी विफलता को छिपाने के लिए धारा 144 का सहारा लेकर किसी को सोनभद्र जाने नहीं दे रही है। फिर भी उचित समय पर वहाँ जाकर पीड़ितों की यथासंभव मदद कराने का बीएसपी विधानमंडल दल को निर्देश। सरकारी लापरवाही इस नरसंहार का मुख्य कारण।
राज्यपाल से मिले कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी
कांग्रेस के नेता प्रमोद तिवारी नेतृत्व में शनिवार को सोनभद्र नरसंहार मामले को लेकर उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक से मिलकर पार्टी का प्रतिनिधिमंडल ने पत्रक सौंपा। प्रमोद तिवारी ने पत्रकारों से मुखातिब होते हुए कहा कि प्रदेश सरकार नहीं चाहती कि कोई भी पीड़ितों के आंसू पोछे या उनका दर्द बांटे। उत्तर प्रदेश सरकार अपनी खामियों को छुपाने के लिए अघोषित इमरजेंसी लागू कर दिया है, जो कि पूरी तरह से असंवैधानिक और अलोकतांत्रिक है।

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