दस्तक अभियान में चिन्हित किए गए बच्चों को आवश्यकता अनुसार मुफ्त उपचार कराया जाएगा। कलेक्टर ने जिले में 93 टीमों का गठन कर बच्चों के उपचार के तत्काल उपाय करने के निर्देश दिए हैं।
उल्लेखनीय है कि बच्चों के स्वास्थ्य पोषण एवं टीकाकरण के लिए संचालित दस्तक अभियान के तहत स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास के कार्यकर्ताओं द्वारा 0-5 वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण हेतु घर घर जाकर जानकारी एवं स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रहीं हैं। दस्तक अभियान के अंतर्गत कुपोषित बच्चों की पहचान , बच्चों में खून की कमी, दस्त रोग, विटामिन ए की खुराक, आयोडीन की कमी आदि की जांच कर उपचार किया जाएगा।
दस्तक अभियान के तहत भोपाल जिले में लगभग दो लाख 11 हजार 429 बच्चों की जांच का लक्ष्य रखा गया है। जन्म से 5 वर्ष तक के बच्चों में किसी भी बीमारी के लक्षण पाए जाने पर नि:शुल्क परिवहन द्वारा बच्चों को निकट के स्वास्थ्य केन्द्र में रेफर कर उपचार किया जाएगा। जिले के प्रत्येक ग्राम में एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ताओं की कुल 93 टीमों का गठन किया गया है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को उपचार, जांच एवं परामर्श के लिए दस्तक किट प्रदान किए गए हैं जिसमें एमयूएसी टैप, कलर स्केल, आयरन सीरप, ओआरएस, जिंक टैबलेट, साबुन, एमोक्सीलीन एवं कोर्ट्रीनॉक्साजोल टेबलेट दी गई है।
इधर सीएमएचओ डॉ. एन.यू. खान ने बताया कि 4 जुलाई तक जांच किए गए एक लाख 31 हजार 785 बच्चों में से 28 स्पेसिस, गंभीर निर्जलीकरण के 609, एनीमिया के 92, कुपोषण से ग्रस्त 199 एवं जन्मजात विकृति के 385 बच्चे चिन्हांकित किए गए हैं, उक्त सभी बच्चों का उपचार किया जा रहा है। अभियान 20 जुलाई तक चलेगा।
उल्लेखनीय है कि बच्चों के स्वास्थ्य पोषण एवं टीकाकरण के लिए संचालित दस्तक अभियान के तहत स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास के कार्यकर्ताओं द्वारा 0-5 वर्ष तक के बच्चों के स्वास्थ्य एवं पोषण हेतु घर घर जाकर जानकारी एवं स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जा रहीं हैं। दस्तक अभियान के अंतर्गत कुपोषित बच्चों की पहचान , बच्चों में खून की कमी, दस्त रोग, विटामिन ए की खुराक, आयोडीन की कमी आदि की जांच कर उपचार किया जाएगा।
दस्तक अभियान के तहत भोपाल जिले में लगभग दो लाख 11 हजार 429 बच्चों की जांच का लक्ष्य रखा गया है। जन्म से 5 वर्ष तक के बच्चों में किसी भी बीमारी के लक्षण पाए जाने पर नि:शुल्क परिवहन द्वारा बच्चों को निकट के स्वास्थ्य केन्द्र में रेफर कर उपचार किया जाएगा। जिले के प्रत्येक ग्राम में एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं आशा कार्यकर्ताओं की कुल 93 टीमों का गठन किया गया है। स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को उपचार, जांच एवं परामर्श के लिए दस्तक किट प्रदान किए गए हैं जिसमें एमयूएसी टैप, कलर स्केल, आयरन सीरप, ओआरएस, जिंक टैबलेट, साबुन, एमोक्सीलीन एवं कोर्ट्रीनॉक्साजोल टेबलेट दी गई है।
इधर सीएमएचओ डॉ. एन.यू. खान ने बताया कि 4 जुलाई तक जांच किए गए एक लाख 31 हजार 785 बच्चों में से 28 स्पेसिस, गंभीर निर्जलीकरण के 609, एनीमिया के 92, कुपोषण से ग्रस्त 199 एवं जन्मजात विकृति के 385 बच्चे चिन्हांकित किए गए हैं, उक्त सभी बच्चों का उपचार किया जा रहा है। अभियान 20 जुलाई तक चलेगा।

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