श्रीगोपाल गुप्ता
यूं तो ग्वालियर-चंबल संभाग में सेवा-भावी संस्थाएं काफी तादाद में कार्यरत हैं, जो बहुत बेहतर कार्य कर मानव सेवा के नये-नये कीर्तिमान स्थापित कर रही हैं! मगर मुरैना अंचल में मात्र डेढ़-दो वर्ष पहले शुरु हुई "नेकी की दीवार" ने मानव सेवा के नये आयाम तय किये हैं! जिससे कारण उक्त संस्था के प्रति आम आदमी का सिर श्रद्धा के साथ झुक जाता है! इतने कम समय में संस्था के सेवा-भावी संचालकों ने तन-मन-धन से आर्थिक रुप से जर्जर जरुरत मंद परेशान लोगों की काफी गहराई से व लीक से हटकर मदद की है! संस्था के द्वारा स्थानीय वाटर वक्स काॅलोनी स्थित "नेकी की दीवार "पर आम जरुरत मंदों के लिए पहनने के साफ-सुधरे कपड़ों की खुली व्यवस्था है! जिस जरुरत मंद गरीब बच्चों, युवाओं और बड़े-बुजुर्गों जो कपड़े पंसद हों वे ले जा सकते हैं! यह अनोखी व्यवस्था प्रति दिन 24 घण्टे खुली रहती है, यहां किसी प्रकार की कोई बंदिश और कोई ताला नहीं है! इसी दीवार पर एक लेटर बाॅक्स भी लगा है, जिसमें गरीब से गरीब बेटी या बेटा अपनी पढ़ाई, शादी या बीमारी के लिए आर्थिक मदद की गुहार एक पत्र लिखकर कर सकते हैं! इसके अलावा कोई भी मदद की कोई पुकार कर सकता है! वैवाहिक झगड़े, गंभीर से गंभीर बिमारी का ईलाज, कानूनी सहायता कई बच्चियों की शादी में आर्थिक मदद कई गरीब छोटे-छोटे बच्चों की खिलोने की मांग" नेकी दीवार" पूरी कर चुकी है!
कपड़ों की व्यवस्था, बीमारी का ईलाज, बच्चों की पढ़ाई, और कानूनी मदद के साथ -साथ "नेकी की दीवार" का सबसे बड़ा परोपकार" और ऐतिहासिक काम है जिला चिकित्सालय में भर्ति मरीजों के परिजनों को प्रति दिन शुद्ध और पोष्टिक खाने का वितरण! आज से पांच महिने पूर्व मुरैना जिले के दानवीर कर्ण व औधोगिक एंव व्यावसायिक बैंक के पूर्व चेयरमेन स्व. रामसेवक गुप्ता जी की स्मृति में उनके परिजनों और बेटे श्री पंकज गुप्ता ने "नेकी की दीवार"के संचालकों को एक नई मारुति बैन भेंट कर इस निशुल्क भोजन व्यवस्था की शुरुआत की थी! तबसे स्व. रामसेवक गुप्ता जी के परिजनों एंव अन्य दानियों के सौजन्य से यह परिमार्थ व्यवस्था सुचारु रुप से जारी है! इसके तहत प्रतिदिन सुबह जिला चिकित्सालय में गरम-गरम भोजन लेकर स्व. रामसेवक गुप्ता स्मृति मारुति बैन पहुंच जाती है! इसके साथ ही सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा जिले के दूर-दराज के क्षेत्रों से अपने मरीजों के साथ आये परिजनों को खाना खिलाने का सिलसिला शुरु हो जाता है! तकरीबन 400 से लेकर 450 परिजन प्रत्येक दिन उक्त निशुल्क भोजन व्यवस्था का लाभ उठा रहे हैं और स्व.श्री रामसेवक गुप्ता जी के परिजनों व "नेकी की दीवाल" के संचालकों के प्रति आभार व धन्यवाद प्रेषित कर रहे हैं। इतने कम समय में संस्था द्वारा किये गये इतने बड़े-बड़े पारोपकारी कामों के आधार कहा जा सकता है कि यह है सामाजिक सारोकार में नेकी की दीवार के बढ़ते कदम!

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