
नई दिल्ली। पाकिस्तान की सैन्य अदालत की तरफ से भारतीय नेवी ऑफिसर को जासूसी और विध्वंसक कार्रवाई के आरोप में सुनाई गई फांसी की सजा के खिलाफ नई दिल्ली की तरफ से की गई अपील पर हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत ने भारत के पक्ष बुधवार को फैसला सुनाया है।
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस जाधव की फांसी की सजा पर रोक बरकरार रखते हुए पाकिस्तान से इस पर पुनर्विचार करने को कहा है। इसके साथ ही, आईसीजे ने पाकिस्तान से जाधव को कान्सुलर एक्सेस देने के लिए कहा है।
इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस जाधव की फांसी की सजा पर रोक बरकरार रखते हुए पाकिस्तान से इस पर पुनर्विचार करने को कहा है। इसके साथ ही, आईसीजे ने पाकिस्तान से जाधव को कान्सुलर एक्सेस देने के लिए कहा है।

गौरतलब है कि जाधव को पाकिस्तान अथॉरिटीज की तरफ से विध्वंसक गतिविधियों में संलिप्तता और जासूसी करने के आरोप में 3 मार्च 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया था। भारत को इस गिरफ्तारी के बारे में 25 मार्च 2016 को सूचना दी गई लेकिन देरी की वजह इस्लामाबाद ने नहीं बताई।
जाधव को सैन्य अदालत ने सीक्रेट ट्रायल के के बाद साल 2017 के अप्रैल में फांसी की सजा सुनाई थी। लेकिन, साल 2017 के मई में भारत की तरफ से याचिका दायर करने के बाद नीदरलैंड स्थित अंतरराष्ट्रीय हेग कोर्ट ने पाकिस्तान को यह आदेश दिया था कि जब तक अदालत की अंतिम फैसला नहीं आ जाता तब तक वे यह सुनिश्चित करे कि जाधव को फांस न दी जाए।
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