छत्तीसगढ़, न्यूज़ । एकांश पटेल
सात सुरों का संगम है संगीत-केआर कश्यप
शारदा संगीत विद्यालय बिर्रा में गुरूपूर्णिमा पर संगीत समारोह
जांजगीर चाम्पा बिर्रा-शारदा संगीत विद्यालय बिर्रा में हर्षोल्लास के साथ गुरुपूर्णिमा का पर्व आचार्य चाणक्य सभागार में मनाया गया ।सर्व प्रथम अतिथि सर्व श्री के आर कश्यप (प्रचार्य गुरु घासिदास संगीत महाविद्यालय हसौद) ,एफ एल साहू प्र चार्य शा उच्च मा शा बिर्रा ,टी पी तिवारी (प्रचार्य डी डी एस उच्च मा शा बिर्रा),निलाम्बर सिंह (पूर्व अध्यक्ष सेवा सहकारी समिति),चंद्रशेखर तिवारी (प्रचार्य स शि मं उच्च मा शा बिर्रा) के द्वारा मां शारदा ,वेदब्यास जी के तैलचीत्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर पूजा अचर्ना के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया ।संगीत विद्यालय छात्र / छात्रा प्रवीण तिवारी ,हिमेश कश्यप ,लक्ष्मीनारायण डडसेना ,कु पल्लवी ,कु हेमान्या ,कु सुमन ,कु दीपाली कश्यप के व्दारा अपने संगीत गुरु द्वै जलकुमार पटेल, श्रवण कुमार थवाईत को तिलक लगाकर शाल, श्रीफल,पुष्पमाला पेन से सम्मानित किया।साथ ही सभी आतिथयो का शाल ,श्रीफल, पुष्माला व पेन से स्वागत-सम्मान किया गया ।समारोह को संबोधित करते केआर कश्यप ने संगीत को सात सुरों का संगम की संज्ञा देते हुए कहा कि संगीत हमारे तन- मन को शांति प्रदान करता है।आज हमारे बिर्रा क्षेत्र के लिए गौरव की बात है कि यहाँ आप सबके सहयोग और सहभागिता से संगीत विद्यालय का संचालन हो रहा है।गुरूपूर्णिमा का महत्व शास्त्रों में भी है। सभी अतिथियों ने संगीत की महत्ता और गुरू महत्व पर प्रकाश डाला।इस कार्यक्रम मे पधारे शिक्षक साथी मनोहर ड़डसेना ,अमृतलाल पटेल ,रतनचंद देवांगन ,दिलिप पटेल ,नवल पटेल ,एन आर भारद्वज,के एल यादव ,लखनलाल कश्यप ,लोकेश देवांगन ,देवेन्द्र साव ,नोवेल महिलांगे ,दुर्गेश कहार ,विजय कहार ,श्रीमती चंचला चंद्रा ,श्रीमती गिरिजा कश्यप ,मिडिया प्रभारी जितेन्द्र तिवारी ,कृष्णा कश्यप ,डॉ राजेन्द्र गिरि ,चंद्रशेखर देवांगन,आदि का श्रीफल, पुष्पमाला व पेन से सम्म्मन किया गया ।कार्यक्रम मे विशेष रूप से श्रीमती इन्दु तिवारी ,चंचला चंद्रा ,गिरिजा कश्यप ,उमाशकर कश्यप श्रवणकुमार कश्यप संगीतप्रेमी एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे ।कार्यक्रम का संचालन शारदा संगीत विद्यालय के ब्यवस्थापक मनोजकुमार तिवारी ने किया तथा आभार प्रदर्शन अध्यक्ष भागीरथी देवागन ने किया ।विद्यालय के बच्चों द्वारा हारमोनियम, तबले पर गीत,गजल सहित विभिन्न विधाओं पर अपनी प्रस्तुति दी।
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