भोपाल जिले में प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं मे बेहतर शैक्षणिक व्यवस्था एवं गुणवत्ता सुधार के लिए कलेक्टर श्री तरूण पिथोड़े ने विगत दिवस लगभग 125 शालाओं का ई-निरीक्षण किया। कलेक्टर श्री पिथोड़े ने ई निरीक्षण के दौरान दो अध्यापकों को शाला में अनुपस्थित पाए जाने पर कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के निर्देश जिला शिक्षा अधिकारी को दिए।
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा श्रीमती सुमन उपाध्याय, प्रधानाध्यक शासकीय माध्यमिक शाला गांधी नगर एवं श्री रिचर्ड पेट्रॉस शिक्षक शासकीय माध्यमिक शाला मुगालिया हाट को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
जिला समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र भोपाल श्री प्रभाकर श्रीवास्तव ने बताया कि विगत दिवस जिले के समस्त जनशिक्षकों को रेण्डम आधार पर दो-दो शालायें आवंटित की गई हैं। जनशिक्षकों द्वारा निर्धारित प्रपत्र में शालाओं की मॉनीटरिंग की जा रही है। ई-मॉनीटरिंग के दौरान जनशिक्षक शालाओं के संचालन में आ रही समस्या एवं बेहतर व्यवस्था के संबंध में ऑन द स्पॉट सपोर्ट देंगे। ई-मॉनीटरिंग के पीछे कलेक्टर की मंशा है कि जनशिक्षकों द्वारा मॉनीटरिंग के दौरान शालाओं के शिक्षकों से चर्चा कर शालाओं में बच्चों की संख्या बढ़ाने व उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग करने एवं शिक्षण कार्य की ई-मॉनीटरिंग के अंतर्गत गुणवत्ता सुधार हेतु सुझाव देंगे और रणनीति तैयार करेंगे। इस निरीक्षण में अनुपस्थित शिक्षकों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी। बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिले इसके लिए कलेक्टर द्वारा ई-मॉनीटरिंग के निर्देश दिये गये हैं। शाला समय पर खुले एवं समय पर बंद हो।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों में ई-मॉनीटरिंग के दिन जनशिक्षक निर्धारित प्रपत्र में शालाओं की जानकारी बी.आर.सी.सी. कार्यालय में उपलब्ध करायेंगे जिसे बी.आर.सी.सी. स्तर पर कंपाईल कर दूसरे दिवस दोपहर तक जिला शिक्षा केन्द्र भोपाल में उपलब्ध कराया जायेगा। ई-निरीक्षण में मुख्य रूप से शाला के वातावरण, दर्ज संख्या, गणवेश, पुस्तकों की उपलब्धता, रिकॉर्ड संधारण, साफ-सफाई, शौचालय की उपलब्धता, बच्चों एवं शिक्षकों की उपस्थिति, शैक्षणिक गुणवत्ता एवं शाला की अन्य गतिविधियों की जानकारी एकत्रित कर अंक दिये जायेंगे।
निरीक्षण के आधार पर शालाओं की रैंकिंग की जायेगी। रैंकिंग के आधार पर कलेक्टर द्वारा प्रत्येक माह जनशिक्षकों एवं बी.आर.सी.सी. की बैठक में समीक्षा की जायेगी, शाला के कमजोर बिन्दुओं पर सुधारात्मक कार्यवाही की जायेगी। प्रारंभ में ई-मॉनीटरिंग हेतु स्कूल आवंटन की प्रक्रिया अस्थाई तौर पर जिला शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा की गई है। शीघ्र ही स्कूल आवंटन का कार्य एन.आई.सी. द्वारा सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जायेगा। आवंटित शाला की सूचना जनशिक्षकों को सीधे एस.एम.एस. द्वारा मॉनीटरिंग दिनाँक को सुबह दी जायेगी। प्रत्येक माह में कम से कम 10 से 15 दिवस इस प्रकार की मॉनीटरिंग की जायेगी।
जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा श्रीमती सुमन उपाध्याय, प्रधानाध्यक शासकीय माध्यमिक शाला गांधी नगर एवं श्री रिचर्ड पेट्रॉस शिक्षक शासकीय माध्यमिक शाला मुगालिया हाट को कारण बताओ सूचना पत्र जारी किया गया है।
जिला समन्वयक जिला शिक्षा केन्द्र भोपाल श्री प्रभाकर श्रीवास्तव ने बताया कि विगत दिवस जिले के समस्त जनशिक्षकों को रेण्डम आधार पर दो-दो शालायें आवंटित की गई हैं। जनशिक्षकों द्वारा निर्धारित प्रपत्र में शालाओं की मॉनीटरिंग की जा रही है। ई-मॉनीटरिंग के दौरान जनशिक्षक शालाओं के संचालन में आ रही समस्या एवं बेहतर व्यवस्था के संबंध में ऑन द स्पॉट सपोर्ट देंगे। ई-मॉनीटरिंग के पीछे कलेक्टर की मंशा है कि जनशिक्षकों द्वारा मॉनीटरिंग के दौरान शालाओं के शिक्षकों से चर्चा कर शालाओं में बच्चों की संख्या बढ़ाने व उपलब्ध संसाधनों का बेहतर उपयोग करने एवं शिक्षण कार्य की ई-मॉनीटरिंग के अंतर्गत गुणवत्ता सुधार हेतु सुझाव देंगे और रणनीति तैयार करेंगे। इस निरीक्षण में अनुपस्थित शिक्षकों के विरूद्ध कठोर कार्रवाई की जायेगी। बच्चों को गुणवत्तायुक्त शिक्षा मिले इसके लिए कलेक्टर द्वारा ई-मॉनीटरिंग के निर्देश दिये गये हैं। शाला समय पर खुले एवं समय पर बंद हो।
उल्लेखनीय है कि कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों में ई-मॉनीटरिंग के दिन जनशिक्षक निर्धारित प्रपत्र में शालाओं की जानकारी बी.आर.सी.सी. कार्यालय में उपलब्ध करायेंगे जिसे बी.आर.सी.सी. स्तर पर कंपाईल कर दूसरे दिवस दोपहर तक जिला शिक्षा केन्द्र भोपाल में उपलब्ध कराया जायेगा। ई-निरीक्षण में मुख्य रूप से शाला के वातावरण, दर्ज संख्या, गणवेश, पुस्तकों की उपलब्धता, रिकॉर्ड संधारण, साफ-सफाई, शौचालय की उपलब्धता, बच्चों एवं शिक्षकों की उपस्थिति, शैक्षणिक गुणवत्ता एवं शाला की अन्य गतिविधियों की जानकारी एकत्रित कर अंक दिये जायेंगे।
निरीक्षण के आधार पर शालाओं की रैंकिंग की जायेगी। रैंकिंग के आधार पर कलेक्टर द्वारा प्रत्येक माह जनशिक्षकों एवं बी.आर.सी.सी. की बैठक में समीक्षा की जायेगी, शाला के कमजोर बिन्दुओं पर सुधारात्मक कार्यवाही की जायेगी। प्रारंभ में ई-मॉनीटरिंग हेतु स्कूल आवंटन की प्रक्रिया अस्थाई तौर पर जिला शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा की गई है। शीघ्र ही स्कूल आवंटन का कार्य एन.आई.सी. द्वारा सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया जायेगा। आवंटित शाला की सूचना जनशिक्षकों को सीधे एस.एम.एस. द्वारा मॉनीटरिंग दिनाँक को सुबह दी जायेगी। प्रत्येक माह में कम से कम 10 से 15 दिवस इस प्रकार की मॉनीटरिंग की जायेगी।

0 टिप्पणियाँ