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रक्ताधान से अपेक्षा को मिला नया जीवन (कहानी सच्ची है)


   गत 16 जुलाई, 2019 को दस्तक अभियान के दौरान दल के सदस्यों में जब श्री बादल और श्रीमती प्रतिभा के घर दस्तक दी तो पाया की उनकी बेटी अपेक्षा, जिसकी उम्र 5 साल है, अपने उम्र के बच्चों की तुलना में सुस्त, कमजोर और थकी हुई लग रही थी। जब अन्य जॉचों के साथ-साथ उसके हीमोग्लोबिन की जाँच की गयी, तो पाया कि वह एनिमिक है, उसका हीमोग्लोबिन 5 ग्राम है। सफाई कर्मचारी बादल और उनकी पत्नी प्रतिभा को दस्तक दल द्वारा यह परामर्श दिया गया कि उसे तुरंत रक्ताधान कराए जाने की आवश्यकता है।
   माता-पिता ने दस्तक दल की सलाह मानकर उसे चाचा नहेरू अस्पताल इंदौर में चिकित्सकीय जॉच के लिये गत 18 जुलाई,2019 को रक्ताधान किया गया। उसके साथ आंगनवाड़ी कार्यकर्ता विनिता यादव और आशा कार्यकर्ता शमा खान पूरे समय साथ रहे दस्तक अभियान बादल और प्रतिभा के घर सेहत की दस्तक लेकर आया। इसे कहते है- ‘’हिम्मते मर्द मददे खुदा’’।  अपेक्षा की जिन्दगी अब बदल गयी है और उसके जीवन में नया सबेरा आ गया है।

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