विनोद विकट, शिवपुरी। अगस्त के महीने में मप्र के भीतर कई सरकारी कार्यालयों को लेकर बहुत कुछ देखने को मिला। इस महीने में परिवहन विभाग के भीतर भी काफी उलटफेर हुआ और हकीकत तो है कि मप्र के कई चैक पोस्टों पर प्रभारी अधिकारियों की न केवल पत्नियां बीमार हो गईं, बल्कि लाखों रुपए इनके इलाज में तत्काल लग गए। मप्र के भीतर जनचर्चा है कि पहले एक चैक पोस्ट प्रभारी की पत्नी बीमार हुईं और वह पूरी तरह से ठीक हो गई। इस बीच चैक पोस्ट प्रभारी उन्हीं के साथ बने रहे तो वहीं मप्र के एक अन्य चैक पोस्ट प्रभारी की पत्नी वर्तमान में अस्पताल के अंदर दिन बिता रही है। मप्र के एक जिले में नामी गिरामी और अपने आपने आपको धुरंधर कहने वाले दिन प्रतिदिन ड्रेस बदलने वाले, फोर व्हीलर गाडिय़ों में डिस्को करने वाले व बड़ी से बड़ी से व्हीआईपी शराब का नशा करने वाले और पूरे जिले में खुद के नाम व खुद की कॉलर का रुतबा झाडऩे वाले सभी के सभी अगस्त के महीने में धराशाही हो गए। इसके बाद पीछे कारण यह है कि इनके लिफाफों के डिमोशन हो गए। 50 का लिफाफा 5 हो गया तो 8 का 5 हो गया और तो और 1500 का भी लिफाफा हो गया। कुल मिलाकर इस लिफाफे का दर्द इस संवाददाता के सामने मप्र के भीतर से आज दिनांक 1 सितम्बर को आगे आ गया। दुखद की बात यह है कि कई चेहरे अपने लिफाफों को लेकर मायूस बन गए हैं।
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