शिवपुरी, मध्यप्रदेश की सीमा जिले के अंतिम छोर के कोटानाका में बना आरटीओ चेक पोस्ट का नाका यहां के प्रभारी अधिकारियों द्वारा अपने रिश्तेदारों को ठेके पर दे दिया गया। ठेकेदार प्रतिट्रक 500,700,1000,1200, रुपए वसूली कर रहे हैं और उच्चस्तर पर बंटवारा बदस्तूर जारी है।
कोटानाका चेक पोस्ट पर ठेकेदार के लोग आने जाने वाले वाहनों से मनमाने ढंग से वसूली करते हैं और नहीं देने पर उनसे मारपीट पर भी उतारू हो जाते हैं। ऐसा लगता है कि इस आर०टी०ओ० चेक पोस्ट पर सरकार का नियम नही बल्कि लुटेरो का नियम चलता है। और इस चेक पोस्ट से मानों विभाग का कोई सरोकार ना हो उन्हें तो सिर्फ अपनी कमाई से मतलब रह गया है।
मध्यप्रदेश का यह जिला अंतिम जिला कहलाता है इसके बाद से राजस्थान. लग जाता है। शासन ने दोनों प्रदेशों के आने जाने वाले वाहनों में कोई आपत्तिजनक सामान ना जाये और कोई वाहन बिना कर चुकाये सीमा पार ना करे इसके लिये जिले के सीमा पर चेक पोस्ट बनाये जाते हैं और इन चेक पोस्ट पर शासकीय अधिकारी कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती है।
जो इन सब की जानकारी रखता है और सरकार द्वारा तय कर की राशि वसूल कर उन्हें पावती देता है, परंतु जब सरकार के पास इन चेक पोस्टों पर नियुक्त करने के लिये अधिकारी कर्मचारी की कमी हो तो उन जगहों पर एक कर्मचारी भेजकर काम चलाया जा रहा है। और वही कर्मचारी अपने इस चेक पोस्ट को ठेकेदारों के हवाले कर स्वयं चैन की नींद सो रहे हैं।
यह हाल खरई पडोरा (कोटानाका) पर स्थित परिवहन चेक पोस्ट नाका ठेकेदारों(प्रभारी रामप्रकाश रावत के रिश्तेदार) के हवाले है और ठेकेदार के लोग वाहन के ड्राईवरों से मनमानी राशि वसूल रही है। इनकी इस करतूत से बाहर से आने वाली गाडियों के ड्राईवर खासे परेशान हैं वहीं
उन्हें तो सिर्फ अपने रूपये से मतलब है। उन्हें इस बात का भी इल्म नहीं है कि आने जाने वाले वाहनों में क्या लदा है। इन्हें जांच करने वाला कोई नहीं है और ना ही यहां पदस्थ कर्मचारी से भी कोई लेना देना नहीं है।
खरई पडोरा परिवहन चेक पोस्ट में कोटानाकापथ चैक पोस्ट बना है और चेक पोस्टो पर ठेकेदार के लोग आने जाने वाले वाहनों से बकायदा( भरी गाड़ी से) 500,700, और 1000 से 1200 रूपये तक प्रत्येक गाडियों से लिया जाता है नहीं देने पर और बदले में ड्राईवरों को 3 से 4 हजार रूपयें की रसीद थमा दी जाती है
खरई पडोरा परिवहन बैरियर पर कांटा में अंडरलोड को ओवरलोड करने का खुलासा।
शिवपुरी, मध्यप्रदेश और राजस्थान की सीमा पर लगी परिवहन विभाग के चेक पोस्ट पर जमकर धांधली चल रही है। हाईटेक तरीके से कम्प्यूटराइज्ड तौल होने के बावजूद जनप्रतिनिधि, अधिकारी और निजी कंपनी के कर्मचारियों की मिलीभगत से रोजाना बड़ी संख्या में ओवरलोड ट्रकों को अंडरलोड करके निकाला जा रहा है। इस टैक्स चोरी से शासन को रोजाना लाखों की चपत लग रही है। सोमवार को बैरियर के ही कुछ अधिकारियों ने इस गौरखधंधे में शामिल एक मौके पर पहुंचे वीरेंद्र वर्मा ने देखा है।
सोमवार घटना दोपहर की है। बताया जाता है कि रोजाना की तरह चेक पोस्ट संचालित करने वाली निजी कंपनी के कर्मचारी ट्रकों का लोड चैक कर पास कर रहे थे। शंका होने पर कंपनी के मैनेजर से जब बैरियर से निकाले जा चुके एक ट्रक का वापस से तौल कराया तो वह ओवरलोड निकला। जबकि पर्ची काटने वाले ऑपरेटर ने ट्रक को अंडरलोड करार देकर निकाल दिया। गड़बड़ी सामने आई तो पीयूष द्विवेदी मैनेजर व अन्य कर्मचारियों ने बताया आए दिन कांटे इस पर कांटा सही नहीं है।
बिना टैक्स चुकाए जा रहा ह खाद्या
सिर्फ यही नहीं कृषि उपज मंडी से रोजाना बड़ी संख्या में खाद्यान्न बिना टोल टैक्स चुकाए बाहर भेजा जा रहा है। सूत्र बताते हैं कि कृषि मंडी के ही एक व्यापारी इस तिकड़म के अग्रेता हैं, जिनके तार जावद के प्रमुख जनप्रतिनिधि से भी जुड़े हैं। खरई पडोर चेकपोस्ट बेरियल पर पदस्थ पंकज तोमर के द्वारा भी अपने प्राइवेट लोगों के द्वारा मंडी राजस्व विभाग टैक्स की चोरी करने में मस्त है देखा जाए तो पदस्थ पंकज तोमर महीने में वसूली का पैसा लेने आते हैं रास्तों से भी हर रोज ट्रकों से माल भेजा जा रहा है। बताया जाता है कि इसकी जानकारी कृषि उपज मंडी और परिवहन विभाग के अधिकारियों को देना चाहूंगा।
इंडीग्रेटेड चेक पोस्ट के बावजूद गड़बड़ी
अवैध वसूली बंद करने के लिए शासन ने करीब 11 करोड़ रुपए खर्च कर खरई पडोरा चेकपोस्ट बेरियल बॉर्डर पर इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट बनाया है। दावा यह किया गया था कि क्षमता से अधिक माल होने पर चालान वसूला जाएगा साथ ही अधिक माल उतरवाकर गोदाम में रख लिया जाएगा। इसके लिए पुराने बैरियर के दोनों तरफ 6 तौल कांटे लगाए गए हैं। बावजूद इसके तकनीकी गड़बड़ी के चलते रोजाना बड़ी संख्या में ओवरलोड ट्रकों को अंडरलोड करके निकाला जा रहा है। और अंडर लोड ओवरलोड।
ओवरलोड ट्रकों को इस तरह निकाला जा रहा है तो आकस्मिक निरीक्षण कर जांच करेंगे। मुझे इस मामले की जानकारी है। मैं इसकी जांच की मांग करता हूं। मेरे पास सबूत के साथ पेश करना चाहता हूं। इस तरह के राज्य शासन के टैक्स की चोरी करने वाले कर्मचारियों को वाले अन्य राज्यों में बदनामी का कारण बना हैं। उन कर्मचारियों को जांच में लिया जाए।
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