गांधी जी के विचार शांति-सद्भाव-सादगी और अहिंसा से परिपूर्ण समाज की रचना की नींव
महात्मा गांधी के विचारों को देशवासी अपने आचरण में शामिल कर शांति- सद्भाव- सादगी और अहिंसा से परिपूर्ण समाज का निर्माण कर सकते हैं। सम्भागीय जनसम्पर्क कार्यालय भोपाल द्वारा गांधी जी की 150वीं जयंती पर गांधी न्यास भवन में सम्पन्न हुई संगोष्ठी में यह विचार गांधीवादी विचारकों ने व्यक्त किए।
गांधी भवन न्यास के सचिव श्री दयाराम नामदेव की अध्यक्षता में सम्पन्न इस संगोष्ठी में हमीदिया कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. शीलेन्द्र कुमार कुलश्रेष्ठ, जनसम्पर्क के अपर संचालक श्री सुरेश गुप्ता, एन.एस.एस. के कार्यक्रम अधिकारी श्री राहुल सिंह परिहार और जनसंगठन दृष्टि के निदेशक श्री अभिषेक अज्ञानी ने गांधी दर्शन पर अपने विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी की बड़ी बात यह थी कि वहां श्रोता के रूप में मौजूद युवाओं, महिलाओं सहित अनेक व्यक्तियों ने गांधी जी के संदेशों का उल्लेख किया।
श्री कुलश्रेष्ठ ने अपने कईं विदेश प्रवासों का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां लोग महात्मा गांधी की पूजा ही नहीं करते वरन अपने जीवन को गांधीमय बनाकर जीवन जीते हैं। उनके आचार- विचार तो ठीक उनकी शासन पद्धति भी सिर्फ और सिर्फ गांधी जी के विचार पर आधारित है। उन्होंने तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति की कार्यप्रणाली का जिक्र करते हुए कहा कि वहां राष्ट्रपति से लेकर आम आदमी में सादगी और संसाधनों के समान वितरण का शानदार जज्बा है। उन्होंने आव्हान किया कि महात्मा गांधी के संदेशों को आत्मसात किया जाए।
इससे पहले संगोष्ठी को संबोधित करते हुए गांधी भवन न्यास के सचिव श्री दयाराम नामदेव ने गांधी जी के पर्यावरण प्रेम का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि विकास की दौड़ ने पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि बेतरतीब और बिना उपयोगिता के प्रकाशनों पर खर्च होने वाले कागज ने भी हमसे पेड़ों की हरियाली छीन ली है। उन्होंने सभी तरह की स्वच्छता को जरूरी बताते हुए कहा कि आचरण में गांधी विचार के मिलने से ही कईं अशुद्धियां दूर हो जाती है।
जनसम्पर्क के अपर संचालक श्री सुरेश गुप्ता ने कहा कि गांधी जी के विचार कालजयी हैं और संगोष्ठी में उपस्थितजनों के विचार समाज में बापू का प्रतिनिधित्व करते हैं। जनसंगठन दृष्टि के निदेशक श्री अभिषेक अज्ञानी ने गांधी जी के संदेशों को आज के जीवन से जोड़कर अनेक उदाहरण प्रस्तुत किए कि कैसे मानवता की सेवा की जा सकती है। संगोष्ठी को एन.एस.एस. के कार्यक्रम अधिकारी श्री परिहार ने भी संबोधित किया। संगोष्ठी में अनौपचारिक रूप से कईं आमंत्रितों ने अपने विचार व्यक्त किए।
सम्भागीय जनसम्पर्क कार्यालय भोपाल के उप संचालक ने अतिथियों को शाल-श्रीफल भेंट कर सम्मान किया तथा सहायक संचालक श्रीमती सुनीता शर्मा ने अतिथियों का आभार भी व्यक्त किया। संगोष्ठी में सभी वर्गों की शानदार उपस्थिति रही।
महात्मा गांधी के विचारों को देशवासी अपने आचरण में शामिल कर शांति- सद्भाव- सादगी और अहिंसा से परिपूर्ण समाज का निर्माण कर सकते हैं। सम्भागीय जनसम्पर्क कार्यालय भोपाल द्वारा गांधी जी की 150वीं जयंती पर गांधी न्यास भवन में सम्पन्न हुई संगोष्ठी में यह विचार गांधीवादी विचारकों ने व्यक्त किए।
गांधी भवन न्यास के सचिव श्री दयाराम नामदेव की अध्यक्षता में सम्पन्न इस संगोष्ठी में हमीदिया कालेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. शीलेन्द्र कुमार कुलश्रेष्ठ, जनसम्पर्क के अपर संचालक श्री सुरेश गुप्ता, एन.एस.एस. के कार्यक्रम अधिकारी श्री राहुल सिंह परिहार और जनसंगठन दृष्टि के निदेशक श्री अभिषेक अज्ञानी ने गांधी दर्शन पर अपने विचार व्यक्त किए। संगोष्ठी की बड़ी बात यह थी कि वहां श्रोता के रूप में मौजूद युवाओं, महिलाओं सहित अनेक व्यक्तियों ने गांधी जी के संदेशों का उल्लेख किया।
श्री कुलश्रेष्ठ ने अपने कईं विदेश प्रवासों का उल्लेख करते हुए कहा कि वहां लोग महात्मा गांधी की पूजा ही नहीं करते वरन अपने जीवन को गांधीमय बनाकर जीवन जीते हैं। उनके आचार- विचार तो ठीक उनकी शासन पद्धति भी सिर्फ और सिर्फ गांधी जी के विचार पर आधारित है। उन्होंने तंजानिया के पूर्व राष्ट्रपति की कार्यप्रणाली का जिक्र करते हुए कहा कि वहां राष्ट्रपति से लेकर आम आदमी में सादगी और संसाधनों के समान वितरण का शानदार जज्बा है। उन्होंने आव्हान किया कि महात्मा गांधी के संदेशों को आत्मसात किया जाए।
इससे पहले संगोष्ठी को संबोधित करते हुए गांधी भवन न्यास के सचिव श्री दयाराम नामदेव ने गांधी जी के पर्यावरण प्रेम का विशेष उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि विकास की दौड़ ने पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने कहा कि बेतरतीब और बिना उपयोगिता के प्रकाशनों पर खर्च होने वाले कागज ने भी हमसे पेड़ों की हरियाली छीन ली है। उन्होंने सभी तरह की स्वच्छता को जरूरी बताते हुए कहा कि आचरण में गांधी विचार के मिलने से ही कईं अशुद्धियां दूर हो जाती है।
जनसम्पर्क के अपर संचालक श्री सुरेश गुप्ता ने कहा कि गांधी जी के विचार कालजयी हैं और संगोष्ठी में उपस्थितजनों के विचार समाज में बापू का प्रतिनिधित्व करते हैं। जनसंगठन दृष्टि के निदेशक श्री अभिषेक अज्ञानी ने गांधी जी के संदेशों को आज के जीवन से जोड़कर अनेक उदाहरण प्रस्तुत किए कि कैसे मानवता की सेवा की जा सकती है। संगोष्ठी को एन.एस.एस. के कार्यक्रम अधिकारी श्री परिहार ने भी संबोधित किया। संगोष्ठी में अनौपचारिक रूप से कईं आमंत्रितों ने अपने विचार व्यक्त किए।
सम्भागीय जनसम्पर्क कार्यालय भोपाल के उप संचालक ने अतिथियों को शाल-श्रीफल भेंट कर सम्मान किया तथा सहायक संचालक श्रीमती सुनीता शर्मा ने अतिथियों का आभार भी व्यक्त किया। संगोष्ठी में सभी वर्गों की शानदार उपस्थिति रही।
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