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नीति-निर्धारण और योजनाओं के क्रियान्वयन में मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका- कलेक्टर

 प्रदेश सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर जनसम्पर्क विभाग द्वारा जिला मुख्यालय पर जनसरोकार एवं मीडिया विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में कलेक्टर श्री उमाशंकर भार्गव, संभागीय जनसम्पर्क अधिकारी श्री राजेश बैन, वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रकाश भटनागर, श्री संजीव श्रीवास्तव सहित विभिन्न मीडिया संस्थानों के जिला प्रतिनिधि उपस्थित थे।
    संगोष्ठी में कलेक्टर श्री भार्गव ने कहा कि जिले की पत्रकारिता हमेशा सकारात्मक और सामाजिक सरोकार से जुड़ी रही है। पत्रकारों द्वारा समय-समय पर जिले के महत्वपूर्ण विषयों, समस्याओं की ओर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया जाता है। साथ ही समस्याओं के समाधान हेतु बहुमूल्य सुझाव भी दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि जिले में जनसरोकार वाले कार्यक्रमों, शासकीय योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने में मीडिया प्रतिनिधियों का जिला प्रशासन को भरपूर सहयोग मिलता रहा है। इसके अतिरिक्त यदि योजनाओं के क्रियान्वयन में प्रशासन की ओर से कोई कमी रह जाती है, तो मीडिया प्रतिनिधियों द्वारा उस कमी को उजागर करते हुए प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया जाता है। जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर समाचार पत्रों में प्रकाशित खबरों को संज्ञान में लेकर कार्यवाही की जाती है।
    वरिष्ठ पत्रकार श्री प्रकाश भटनागर ने संगोष्ठी के आयोजन को सराहनीय पहल बताते हुए कहा कि पत्रकार जन सरोकार के रूप में जनता की समस्याओं को भी अपने समाचारों के माध्यम से उठायें। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने एक वर्ष के दौरान समाज के सभी वर्गो के कल्याण के लिए ऐतिहासिक फैसले लिये है जिन पर तेजी से क्रियान्वयन शुरू हो गया है। प्रदेश सरकार ने जनता से किए 365 वचनों को विगत एक वर्ष पूरा करने का काम किया है, जिनमें 164 वचन पूर्ण हो गए हैं तथा 201 वचन सतत् रूप से पूर्ण किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में किसानों की कर्जमाफी का ऐतिहासिक फैसला लिया गया है जिसका लाभ किसानों को मिल रहा है। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि सकारात्मक सोच के साथ शासन-प्रशासन एवं जनसरोकार से जुड़ी खबरों को भी स्थान दें। उन्होंने कहा कि वर्तमान परिपेक्ष्य में मीडिया के क्षेत्र में बड़ी क्रांति आई है। प्रिंट मीडिया के बाद इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और उसके उपरांत सोशल मीडिया के आ जाने से प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है तथा तेजी से सूचनाओं का आदान-प्रदान होने लगा है। उन्होंने कहा कि सभी मीडिया प्रतिनिधियों को पत्रकारिता को अपनी जिम्मेदारी समझकर कमजोर, शोषित वर्ग की आवाज बनकर सामने आना चाहिए और जनसरोकार से जुड़े मुददों को शासन, प्रशासन के सामने लाना चाहिए।
    वरिष्ठ पत्रकार श्री संजीव श्रीवास्तव ने कहा कि मीडिया और जनसरोकार एक दूसरे से जुड़े हुए विषय हैं। मीडिया को जनसरोकार से जुड़े विषयों जो प्रमुख रूप से पिछड़े, कमजोर वर्ग से संबंधित हैं, उन्हें प्राथमिकता से उठाना चाहिए। पत्रकारिता का भारतवर्ष में महत्वपूर्ण स्थान है तथा इसे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ से संबोधित किया गया है। जिससे मीडिया प्रतिनिधियों की जिम्मेदारी और अधिक बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि मीडिया को शासन, प्रशासन की योजनाओं एवं परियोजनाओं को लेकर भी सकारात्मक रवैया रखने की आवश्यकता है ताकि उनका अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार हो और जरूरतमंद व्यक्ति लाभांवित हो सके। संगोष्ठी में मीडिया प्रतिनिधि श्री राजकिशोर सोनी, श्री भूपेन्द्र श्रीवास्तव, श्री अनिल तिवारी, श्री अनिल सक्सेना तथा श्री हरीश मिश्रा ने अपने विचार व्यक्त किए।